भिलाई। भारत का फार्मेसी उद्योग 50 अरब डॉलर से अधिक का है. 2024 तक यह उद्योग 65 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. इस उद्योग में प्रबंधन के क्षेत्र में अब तक सही प्रफेशनल्स नहीं मिल रहे थे जो कि अब संभव हो गया है. देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों ने फार्मेसी में एमबीए का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है. फार्मा स्नातक इसमें सीधे प्रवेश ले सकते हैं.
यह जानकारी मॉडर्न ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, इंदौर के समूह निदेशक डॉ पुनीत कुमार द्विवेदी ने दी. वे एमजे कालेज (फार्मेसी) में आयोजित “फार्मेसी प्रबंधन – एक शानदार करियर” पर अपनी बात रख रहे थे. मूलतः वाणिज्य के क्षेत्र से आने वाले डॉ द्विवेदी ने कहा कि पहले फार्मेसी में एमबीए करने की कोई सुविधा नहीं थी. पर हाल के वर्षों पाठ्यक्रम कुछ संस्थानों ने प्रारंभ किया है जो बड़े शहरों तक सीमित है. इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के मार्गदर्शन में किया गया था।
उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी उद्योगों के एक समूह का संचालन करती है. समूह ने शासन के सहयोग से एक पाठ्यक्रम फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट पर प्रारंभ किया है. जो भी विद्यार्थी इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, फार्मेसी साइंस में स्नातक बनने के बाद इसका लाभ ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक बेहद आकर्षक करियर सिद्ध हो सकता है.
आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी ने कहा कि फार्मेसी की डिग्री के बाद प्रबंधन का रास्ता खुलने से महत्वाकांक्षी विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा. अब तक रिसर्च और फार्मेसी सेक्टर में जॉब ही एकमात्र विकल्प था. पर अब प्रबंधकीय क्षेत्र में भी फार्मेसी ग्रेजुएट्स को अच्छा रोजगार मिल पाएगा.
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक रीता चानना ने किया. इस अवसर पर एमजे डिग्री कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, फार्मेसी कालेज के सहायक प्राध्यापकगण प्रतीक्षा, चंद्रिका, पंकज साहू, गायत्री एवं वर्षा साहू के साथ ही बड़ी संख्या में फार्मेसी के विद्यार्थी मौजूद थे. उन्होंने सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया.