भिलाई। सेक्टर एक स्थित नेहरू सांस्कृतिक भवन में इप्टा की सालाना नाट्य शाला को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. 1 मई को शुरू हुई यह नाट्यशाला 25 दिन तक चलेगी. आयोजन का यह 25वां वर्ष है. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे और युवा योगा, थिएटर, संगीत, नृत्य, कार्टूनिंग, स्केचिंग, इम्प्रोवाइजेशन जैसी विधाएं सीख रहे हैं. देश भर से प्रशिक्षक इसमें योगदान कर रहे हैं.
इप्टा की सचिव चारू श्रीवास्तव ने बताया कि भिलाई इप्टा प्रति वर्ष 5 मई से 25 मई तक बाल एवं युवा ग्रीष्मकालीन नाट्य प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करती है. वैसे तो इस वर्ष शिविर के 27 वर्ष पूरे होते लेकिन 2020 और 2021 कोविड वर्ष होने के कारण यह शिवर इस साल अपनी सिल्वर जुबली मना रहा है. इस बार इसे एक मई को मज़दूर दिवस के दिन ही प्रारंभ कर दिया गया.
कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन प्रगतिशील लेखक संघ के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश साहित्य सम्मेलन के अध्यक्षश्री रवि श्रीवास्तव ने किया. इस अवसर पर बच्चों ने ‘तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर, अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ‘ गीत सुनाया. श्री रवि श्रीवास्तव ने बच्चों को बताया कि कला, संस्कृति, ईमानदारी, सच्चाई और कड़ी मेहनत ही वो माध्यम है जिसके द्वारा स्वर्ग धरती पर लाया जा सकता है.
प्रति दिन इस कार्यशाला का आरंभ सुबह 06:30 बजे से श्री अरूण पंडा की योग क्लास से होता है. इसके बाद थिएटर गेम्स और संगीत की क्लास. 15 मिनट के विराम के बाद आर्ट एंड क्राफ्ट, इंप्रोवाइजेशन और नृत्य की क्लास होती है.
इस वर्ष कार्यशाला में एक नया अध्याय जुड़ा और वह था कार्टून मेकिंग का. इस कार्टून मेकिंग की क्लास के लिए इप्टा अशोक नगर मध्य प्रदेश से कार्टूनिस्ट साथी कुश कुमार भिलाई आए थे. छोटे से कार्टून के माध्यम से उन्होंने अपने आप को अभिव्यक्त करने का तरीका बताया. 10 मई से 20 मई के बीच (मुंबई महाराष्ट्र) से अपराजित शुक्ल, दिल्ली से वर्षा आनंद, जमशेदपुर (झारखंड) से अर्पिता श्रीवास्तव, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) से साक्षी शर्मा, भोपाल (मध्य प्रदेश) से सचिन श्रीवास्तव, आगरा उत्तर प्रदेश से डॉ विजय एवं झारखंड से रणदीप अधिकारी इस कार्यशाला में उपस्थित रहेंगे और प्रशिक्षार्थियों को लिरिक्स राइटिंग, पत्रकारिता और अन्य महत्वपूर्ण विषयों में मार्गदर्शन देंगे.