भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में पर्यावरण सरंक्षण हेतु एनएसएस, एनसीसी, ग्रीन ऑडिट कमेंटी एवं यूजीसी कमेंटी द्वारा समेकित कार्यक्रम कराये गये जिसका उद्देश्य जनसाधारण को पर्यावरण सरंक्षण हेतु जागरूक करना था। ग्रीन ऑडिट कमेंटी एवं एनएसएस इकाई द्वारा वृक्षारोपण के साथ विविध प्रतियोगिताएँ करायी गई।
कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती सुनीता शर्मा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस एक अभियान हैं इस अभियान को सफल बनाना हम सभी का उत्तरदायित्व है। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में महाविद्यालय में वीडियो मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बीएससी प्रथम वर्ष प्रीती पटेल एवं सृष्टि शर्मा बीएससी द्वितीय वर्ष का वीडियों उत्कृष्ट रहा।
एनएसएस प्रभारी संयुक्ता पाढी के नेतृत्व में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विश्व पर्यावरण दिवस में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया विद्यार्थियों ने वीडियो बनाकर प्लास्टिक के कम उपयोग एवं उसके पुनः उपयोग का संदेश दिया तथा एनएसएस स्वयंसेवको द्वारा हुडको क्षेत्र में पौधारोपण कर उसे संरक्षित रखने का संकल्प लिया गया स्वयंसेवको की हौसला अफजायी करते हुए हुडको के पार्षद सीजू एन्थोनी ने कहा कि युवा वर्ग का किसी कार्यक्रम में जुड़ना उस कार्यक्रम के सफल होने का सूचक होता है। आप सभी बधाई के पात्र है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास कर रहे है और लोगो को जागरूक कर रहे है श्री सीजू एन्थोनी ने स्वयंसेवको के साथ पौधारोपण किया।
इस कड़ी में एनसीसी प्रभारी स.प्रा. अमित कुमार साहू ने बताया कि महाविद्यालय के एनसीसी छात्रों द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण जागरूकता हेतु रैली निकाली गई। इस रैली के माध्यम से विकास के नाम पर हो रहे पर्यावरण का दोहन, पेड़ो की कटाई, जंगलो के विनाश को रोकने एवं पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने आदि विषयों पर नारे लगाये गये एवं घर-घर जाकर लोगो को जागरूक किया गया । रैली महाविद्यालय परिसर, हुडको से हॉस्पिटल सेक्टर तक निकाली गई एवं नागरिको से अपील की गई कि वे भी अपने घरों में पेड़ लगायें एवं दूसरो को भी पेड़ लगाने हेतु प्रेरित करें।
इस अवसर पर संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि युवाओं को पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य के लिए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विषय पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए।
डॉ. सावित्री शर्मा, प्रोफेसर एवं यूजीसी प्रभारी ने बताया कि पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष एक नए थीम के साथ मनाया जाता है। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “साल्यूशन टू प्लास्टिक पॉल्यूशन” अर्थात् “प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान” पर आधारित है। प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को देखते हुए यह थीम रखी गयी है।
इस थीम को साकार करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला के निर्देशन में एक अनूठी पहल की गई है। महाविद्यालय के शैक्षणिक, अशैक्षणिक स्टॉफ एवं विद्यार्थियों द्वारा रास्तें में फेंकी गई प्लास्टिक बोतल, चिप्स-बिस्कुट आदि रैपर एकत्रित करके उन्हें प्लास्टिक बोतल में भरा जाता है। और उससे सृजनात्मक वस्तुएँ जैसे कुर्सी, ट्री-गार्ड आदि का निर्माण किया जाता है। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया कि प्रत्येक वर्ष चालीस करोड़ टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है और प्लास्टिक प्रदूषण के चलते हमें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। पर्यावरण संरक्षण का कार्य हम अपने घर एवं संस्थान से प्रारंभ कर सकते है। महाविद्यालय द्वारा प्लास्टिक बोतल में प्लास्टिक कचरा भरकर जमा करने पर प्रति बॉटल 5 रू. प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार महाविद्यालय के शैक्षणिक-अशैक्षणिक स्टॉफ एवं विद्यार्थियों ने पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित “पर्यावरण के लिए जीवनशैली” की ऑनलाइन शपथ ली एवं ई-सर्टिफिकेट प्राप्त किए जिसमें उन्होंने पर्यावरण जीवनशैली को अपनाने और पर्यावरण के अनुकूल आदतों को विकसित करने के लिए जागरूकता हेतु स्वयं को प्रतिबद्ध किया।
महाविद्यालय में आयोजित प्रतियोगिता प्लास्टिक प्रदूषण समाधान में प्रथम स्थान रूनू सरकार, कार्यालयी स्टॉफ ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर नेहा भारती, बुक लिफ्टर एवं स्वाति शर्मा, लैब अटेंडेट रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनसीसी कैडेट ऋषि राजपूत, कमलदीप सिंह, ओम, विवेक शर्मा एवं अन्य कैडेटो तथा एनएसएस स्वयंसेवक वेदिका लाढ़, लाक्षी हेद्यू, साहिल कठ्जोरी, कमलदीप सिंह, ओम कर सायन, हिमांशु सिंह का विशेष योगदान रहा।