भिलाई। बारिश और उमस के कारण इन दिनों आंखों की एक तकलीफ तेजी से फैल रही है. हाइटेक के नेत्ररोग विभाग में प्रतिदिन 8 से 10 मरीज आ रहे हैं. वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से होने वाली इस परेशानी को आम बोलचाल की भाषा में ‘आंख आना’ या ‘जॉय बांग्ला’ कहते हैं. इस संक्रमण से आंखों के ऊपर तथा पपोटे के भीतर की झिल्ली (conjunctiva) में सूजन हो जाती है तथा सूक्ष्म नसों में रक्त भर जाता है. आंख खोलने में परेशानी होने के साथ ही आंखों में चुभन तथा रोशनी से तकलीफ होती है.
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीतम लाल कुर्रे ने बताया कि इसे कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं. यह वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है. इससे आंखें सूजकर लाल हो जाती हैं. उनमें खूब कीचड़ आने लगता है. आम तौर पर यह अपने आप ठीक हो जाने वाली बीमारी है. पर चुभन, जलन या पीड़ा अधिक होने से तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. वायरस और बैक्टीरिया दोनों से ही होने वाला कंजक्टिवाइटिस संक्रामक होता है.
वायरल कंजक्टिवाइटिस के अधिकतर मामले एडेनोवायरस के कारण होते हैं. इसके अलावा हर्पीस सिम्प्लेक्स, वैरिसेला जोस्टर या अन्य वायरस, जिसमें कोरोना वायरस भी शामिल है, इसका कारण हो सकते हैं. वायरल कंजंक्टिवाइटिस पहले एक आंख में होता है, कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता है. संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज के संपर्क में आने से यह दूसरों तक फैलता है.
संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?
कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है. अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं. जब भी जरूरी हो आंख छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन से धोएं. अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स, आदि को किसी से साझा न करें. अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि को रोज़ धोएं.
कब जाएं डाक्टर के पास?
वैसे तो यह एक आम परेशानी है जो अपने आप 2 से 7 दिन में ठीक हो जाती है पर यदि आंखों में तेज दर्द हो, तेज चुभन महसूस हो, नज़र धुंधली पड़ जाए, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता हो या आंखें अत्यधिक लाल हो जाएं तो तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए.