भिलाई। एक 12 साल की किशोरी की किडनी निकालनी पड़ी. दरअसल, किडनी मूत्र का निर्माण तो कर रही थी पर उसे मूत्रनली में नहीं भेज पा रही थी. इसके कारण किडनी असाधारण रूप से सूज गई और अंततः उसने काम करना बंद कर दिया. आरोग्यम मल्टी स्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंचने पर किशोरी की रोगी किडनी को दूरबीन पद्धति से निकाल दिया गया. आरोग्यम के यूरोसर्जन डॉ नवीन राम दारूका एवं नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ आरके साहू ने संयुक्त रूप से बताया कि यह PUJ Obstruction का एक रेयर केस था. इसमें किडनी और मूत्रनली के संधिस्थल में रुकावट आ जाती है. इसके कारण किडनी में मूत्र का निर्माण तो होता है पर वह मूत्रनली में नहीं जा पाता. मूत्र के किडनी में ही रुकने की वजह से उसमें सूजन आ जाती है और वह अपना काम नहीं कर पाती. स्थिति लंबे समय तक बने रहने पर किडनी नष्ट हो जाती है.
डॉ दारूका ने बताया कि बालोद की इस बच्ची को असहनीय पेट दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल लाया गया था. सोनोग्राफी करने पर पता लगा कि उसकी दाहिनी किडनी असामान्य रूप से सूजी हुई है. जब इसकी आगे जांच की गई तो पता चला कि पेल्वि-यूरेटरिक जंक्शन में रुकावट थी. रोगी को अगर पहले ही यूरोलॉजिस्ट को दिखा दिया जाता तो उसकी किडनी बचाई जा सकती थी. इस रुकावट को दूर किया जा सकता था. रूकावट लंबे समय तक बने रहने के कारण किडनी नष्ट हो गई. बच्ची अब ठीक है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.