भिलाई. यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो पिछले लगभग एक महीने से विभिन्न अस्पतालों के चक्कर काट रहा था. किसी ने भी उसकी स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया और वह बिस्तर के हवाले हो गया. अंततः वह हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंचा जहां फौरी जांच में ही उसकी रीढ़ की हड्डी में लगी चोट का पता चल गया. सर्जरी के बाद अब वे पूरी तरह ठीक और प्रसन्न हैं. उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
पखानजोर निवासी बिजन कुमार सरकार वुलवर्थ कंपनी में काम करते हैं. 24 मई को उनका पैर सीढ़ियों पर फिसल गया. रेलिंग को पकड़कर उन्होंने किसी तरह अपना संतुलन बनाया पर इसके बाद से ही कमर के एक हिस्से में दर्द होने लगा. कुछ दिनों बाद उनके लिए सुबह बिस्तर से उठना तक मुश्किल हो गया. उन्होंने अनेक अस्पतालों के चक्कर काटे जिसमें कई बड़े अस्पताल भी थे. एक अस्पताल ने उन्हें एक इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया. डाक्टर का कहना था कि कुछ ही दिनों में आराम हो जाएगा. पर जब एक महीने तक कोई असर नहीं हुआ तो वे चरोदा निवासी अपने एक रिश्तेदार के साथ हाईटेक अस्पताल पहुंचे.
यहां न्यूरोसर्जन डॉ दीपक बंसल ने उनकी जांच की. दरअसल, मरीज के रीढ़ में एक गुप्त चोट लगी थी जिसके कारण लम्बर रीजन के दो मनकों की स्थिति बदल गई थी. इसके चलते पैरों को जाने वाली नस दब गई थी. मरीज को सर्जरी की सलाह दी गई. मरीज की स्वीकृति के बाद सर्जरी कर रीढ़ को टीलिफ लगाकर सेट कर दिया गया. सर्जरी के तत्काल बाद मरीज को आराम मिल गया. पूरी तरह ठीक होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.