भिलाई। कैरिओकी (karaoke) के आने के बाद एकाएक गायकों की बाढ़ सी आ गई है. आवाज बैठने या आवाज फटने की शिकायत के साथ लोग अस्पताल पहुंचने लगे हैं. प्रतिदिन एक गीत स्टारमेकर, स्मूल या अन्य सोशल मीडिया ऐप पर पोस्ट करने वाले हड़बड़ी में आपनी आवाज को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं. जबकि आवाज फटने पर सबसे पहले मौन व्रत धारण कर लेना सबसे अच्छा उपाय है. यह कहना है कि हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अपूर्व वर्मा का.
डॉ अपूर्व ने बताया कि हमारे स्वर यंत्र या लैरिंक्स में सूक्ष्म तंत्रियां होती हैं. लैरिंक्स को वायस बॉक्स या स्वर यंत्र भी कहते हैं. लैरिंक्स के अंदर अंदर स्थित मांसपेशियां स्वर तंत्रियों के आकार और खिंचाव को नियंत्रित करती हैं जिसके कारण हम ऊंचा या धीमा बोल या गा पाते हैं. स्वर तंत्रियों में पहुंचने वाली हवा में उतार चढ़ाव हमारी आवाज और ध्वनि को प्रभावित करता है. स्वर तंत्रियों में सूजन से आवाज बदल सकती है, बंद हो सकती है. इसे लैरिंजाइटिस कहते हैं.
जब स्वर तंत्रियों में सूजन आ जाती है तो आवाज में भारीपन आ सकती है, आवाज फट सकती है या पूरी तरह से बंद भी हो सकती है. इसे हम आवाज का फटना या गले का बैठना कहते हैं. ऐसा तब होता है जब स्वर तंत्रियों में सूजन आ जाती है. ऐसा तब हो सकता है जब खूब चिल्ला-चिल्ला कर नारे लगाएं, उच्च स्वर में झगड़ा करें, या बहुत ऊंचे सुर लगाने की कोशिश करें. ऐसे समय में सबसे अच्छा उपाय होता है पूर्ण मौन व्रत धारण करना. इससे आवाज एक दो दिन में अपने आप ठीक हो जाती है. कुनकुने पानी और नमक के गार्गल से भी आराम मिल सकता है.
इसके आलावा सर्दी खांसी होने पर या गले में संक्रमण होने पर भी स्वत तंत्रिकाओं में सूजन आ सकती है. ऐसे समय में इलाज की जरूरत पड़ती है. संक्रमण को समझे बिना केवल घरेलू उपाय से कभी कभी रोग बिगड़ जाता है. लेरिन्जाइटिस अगर संक्रमण के कारण हुआ है तो संक्रामक होता है. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज, धूम्रपान या प्रदूषित हवा के संपर्क में आकर भी स्वरतंत्रिका में सूजन आ सकती है.
लेरिन्जाइटिस के सबसे आम लक्षण है आवाज का बैठ जाना, बंद हो जाना और गले में दर्द होना. इसके साथ ही वयस्को में गला सूखना, खराश, निगलने में दर्द और गर्दन में सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं. अगर लैरिन्जाइटिस संक्रमण के कारण हुआ है तो बुखार, लिम्फ नोड्स में सूजन भी हो सकती है.
लेरिन्जाइटिस का उपचार आमतौर पर आवाज को आराम देकर, हवा में नमी बढ़ाकर और लक्षणों से राहत के लिए प्राकृतिक या घरेलू उपायों से किया जा सकता है. यदि लक्षण एक सप्ताह से अधिक समय तक बने रहते हैं तो तत्काल किसी ईएनटी विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए. GERD के कारण होने वाले लेरिन्जाइटिस से निमोनिया, क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस और स्वर तंत्र में लकवा जैसी स्थिति आ सकती है.