भिलाई। किसी भी भाषा की शक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि वह अन्यान्य भाषाओं के शब्दों को किस तरह स्वीकार करता है. इस लिहाज से देखें तो हिन्दी एक समन्दर की भांति है जिसमें भारत की क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ही विदेशी भाषाओं को भी आत्मसात करने की क्षमता है. हिन्दी का प्रभाव क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और हम पहले से कहीं ज्यादा काम काज आज हिन्दी में कर पा रहे हैं.
उक्त बातें एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने आज कहीं. वे महाविद्यालय में हिन्दी दिवस की वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर पर हिन्दी में काम करना भी पहले से सरल हुआ है तथा इस क्षेत्र में कार्य प्रगति पर है. जल्द ही हम ईमेल आईडी और वेबपोर्टल के यूआरएल भी हिन्दी में टाइप कर सकेंगे. उन्होंने विद्यार्थियों एवं अध्यापकों का आह्वान किया कि वे अपने अपने स्तर पर अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में उपलब्ध पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद करें. इससे भी हिन्दी की सेवा हो सकेगी.
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम को उप प्राचार्य एवं शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के एचओडी विकास सेजपाल, आराधना तिवारी, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी शकुन्तला जलकारे, परविन्दर कौर, स्नेहा चन्द्राकर, सरिता ताम्रकार, अनिता कवि ने भी संबोधित किया. वक्ताओं ने हिन्दी दिवस की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए हिन्दी के प्रचार प्रसार को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की.
प्रशिक्षु सहायक प्राध्यापक विशाल सोनी एवं मौसमी पांडे ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन दीपक रंजन दास ने एवं धन्यवाद ज्ञापन ममता एस राहुल ने किया.