भिलाई। हम जिस शरीर को जानते हैं वह केवल हमारा स्थूल शरीर है. इसे भौतिक शरीर भी कहते हैं. इसके अलावा भाव शरीर, सूक्ष्म शरीर, मानस शरीर, आत्मिक शरीर, ब्रह्म शरीर एवं निर्वाण शरीर भी प्रत्येक के पास है जिसे हम देख नहीं सकते. हमारा स्वास्थ्य, हमारी सफलता का ग्राफ सभी इन सभी शरीरों के सुन्दर संयोजन पर निर्भर करता है. इन सभी शरीरों को साधा जा सकता है. उक्त बातें आज पॉजीटिव हेल्थ जोन द्वारा एमजे कालेज में आयोजित हेल्थ टॉक में डॉ नरेन्द्र पाण्डेय ने कहीं.
मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा एवनं सहस्रार, आदि सात चक्रों की चर्चा करते हुए डॉ पाण्डेय ने कहा कि इन चक्रों का ध्यान रखकर व्यक्ति स्वयं को बीमार पड़ने से बचा सकता है, बीमार पड़ने पर ठीक हो सकता है. उसे बहुत कम औषधियों की जरूरत पड़ती है. उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है और उसकी सफलता का ग्राफ भी बढ़ जाता है. पॉजीटिव हेल्थ जोन की नींव वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल के गुप्ता ने रखी है जो एक वैकल्पिक स्वास्थ्य देखभाल की संभावना पर काम करती है.
इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमियोपैथी के डॉ अमित वासनिक ने प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में जानकारी देते हुए चाय-कॉफी पीने की बजाय पारिजात, तुलसी और नीम के काढ़े का इस्तेमाल करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि ये प्राकृतिक इम्यूनोबूस्टर हैं. उन्होंने मिट्टी के लेप से रोगों को शांत करने के विषय में भी बताया.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमियोपैथी की डॉ भूमिका साहू एवं डॉ स्मृति सिंह ने भी आमंत्रित व्याख्यान दिया. इस हेल्थ टॉक का आयोजन एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के मार्गदर्शन में किया गया था. कार्यक्रम में एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, फार्मेसी कालेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो. राहुल सिंह एवं एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य प्रो. डैनियल तमिल सेलवन के अलावा फैकल्टीज और स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन कॉमर्स एंड मैनेजमेन्ट डिपार्टमेंट के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने किया.