भिलाई। शारदीय नवरात्रि पर श्री शंकराचारार्य महाविद्यालय में प्रस्तुतिकरण का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने दुर्गा पर्व के बारे में रोचक जानकारियां प्रस्तुतियों के द्वारा दी. “मां दुर्गा आवाहन” के नाम से अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रस्तुतियों के लिए तैयार करने के साथ ही उनमें आत्मविश्वास का संचार करना था.
कार्यक्रम में स्नातक स्तर के विद्यार्थियों ने भाग लिया. बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा दीपिका भट्टाचार्य ने बताया कि बंगाल में दुर्गा पूजा के मुख्य अनुष्ठान से सात दिन पहले महालया से ही पर्व प्रारंभ हो जाता है. मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने के भी कुछ नियम हैं. इसमें गंगा की मिट्टी के साथ गोबर, गोमूत्र एवं वैश्यालय के आंगन की मिट्टी का उपयोग किया जाता है. इनके बिना दुर्गा प्रतिमा को अपूर्ण माना जाता है.
बीकाम की ही चंचल महापात्रा ने बताया कि पितृपक्ष के बाद महालया से ही देवी पक्ष प्रारंभ हो जाता है.
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने विद्यार्थियों को प्रस्तुतियां देने के लिए आगे आने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि मंच पर आने से न केवल उनका स्टेज फीयर दूर होता है बल्कि आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है. इस आयोजन का मकसद युवाओं को अपनी विरासत के प्रति जागरूक करना भी था.
अकादमिक डीन डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि यह पर्व शक्ति स्वरूपा माता दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है. यह बुराइयों पर अच्छाईयों की जीत को भी प्रतिबिम्बित करता है.
अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष राहुल मेने ने कहा कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य विद्यार्थियों को मंच पर आने और अपनी बात को सलीके के साथ कहने का अवसर प्रदान करता है. अतः सभी विद्यार्थियों को ऐसे कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए.
इस कार्यक्रम में विद्यार्थीगण मोनिका, छाया, प्रेरणा, श्रवण, हर्ष, प्रतीक सहित अनेक विद्यार्थियों ने अपनी भागीदारी दी. लैंग्वेज लैब की प्रभारी डॉ नीता शर्मा ने प्रजेन्टेशन तैयार करने और प्रस्तुत करने में विद्यार्थियों की मदद की.