भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में घेंघा रोग के एक मरीज की सर्जरी ईएनटी विभाग द्वारा की गई. 35 वर्षीय इस महिला को कांटाबांजी से लाया गया था. वह पिछले 7-8 साल से तकलीफ में थी. घेंघे का आकार लगभग 10×4.5 सेन्टीमीटर तक पहुंच चुका था. इसके कारण उनकी श्वांस नली एवं आहार नली पर दबाव बना हुआ था.
ईएनटी सर्जन डॉ अपूर्व वर्मा ने बताया कि घेंघा (Goiter) एक ऐसा रोग है जिसमें गला सूज जाता है. यह शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होता है जिसके कारण थायरायड ग्रन्थि में सूजन आ जाती है. यह रोग बहुधा उन क्षेत्रों के लोगों को होता है जहाँ पानी में आयोडीन नहीं होता. आयोडीन नमक आने के बाद से घेंघा रोग के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं.
उन्होंने बताया कि घेंघा रोग के बढ़ जाने पर इसकी सर्जरी में कई जोखिम होते हैं. यह श्वांस नली एवं आहार नली से चिपक जाता है. सर्जरी के दौरान इनमें से किसी एक या फिर दोनों नलियों के क्षतिग्रस्त होने का जोखिम हो जाता है. इस सर्जरी के बाद मरीज की आवाज बदल सकती है.
डॉ अपूर्व ने बताया कि महिला की सर्जरी सभी सावधानियों को बरतते हुए किया गया और यह सफल रही. महिला को अब काफी आराम है.