भिलाई। एमजे समूह की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहा कि विद्यार्थियों को पैराडॉक्स ऑफ च्वाइस से बचना चाहिए. यदि इसमें उलझ गए तो वक्त निकलता जाएगा और फिर जब आजीविका चुनने का अवसर आएगा तो दाएं-बाएं हाथ पैर मारना पड़ेगा. वे एमजे कालेज में आयोजित फ्रेशर पार्टी को मुख्य वक्ता की आसंदी से संबोधित कर रही थीं.
पैराडॉक्स ऑफ च्वाइस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी जीवन में चुनने के लिए बहुत ज्यादा होता है तो मुश्किलें भी बड़ी हो जाती हैं. कपड़ा खऱीदते समय, होटल में भोजन आर्डर करते समय, काम पर जाते समय कपड़ा और जूलरी चुनने में लगने वाला वक्त दरअसल आपका समय बर्बाद करता है. इसी तरह आज मल्टिपल चैनल वाली टीवी पर बैठकर लोग घंटों केवल कार्यक्रम या मूवी छांटने में बर्बाद कर देते हैं.
एक किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक बार स्टीव जोब्स किसी फैक्टरी में गए. वहां उन्होंने सबको एक ही यूनिफार्म में काम करते देखा. वे बेहद प्रभावित हुए और फिर उन्होंने हमेशा के लिए अपना एक परिधान चुन लिया. अब वो जहां भी जाते हैं काली टीशर्ट और ब्लू जीन्स में होते हैं. हम अपने आसपास के तमाम सफल लोगों को देखेंगे तो पाएंगे कि इन सभी ने अपना परिधान फिक्स कर रखा है. अब यही उनकी पहचान बन चुकी है.
उन्होंने कहा कि इसी तरह आज कोर्सेस और जॉब्स की बाढ़ आई हुई है. कदम कदम पर यह कंफ्यूजन होता है कि हमें किधर जाना चाहिए. इसलिए अभी से अपना लक्ष्य निर्धारित कर लीजिए और माइक्रो लेवल पर काम करें. तैयारी अच्छी और पूरी शिद्दत से साथ होगी तो सफलता भी निश्चित तौर पर मिलेगी. भटकना नहीं पड़ेगा.
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस अवसर पर फ्रेशर्स को संबोधित करते हुए कहा कि यदि जीवन में कुछ बनना है तो शार्टकट का रास्ता छोड़ें. कुंजी और गाइड पढ़कर पास तो हुआ जा सकता है पर विषय का ज्ञान नहीं मिलता. इसलिए महाविद्यालय की लाइब्रेरी का भरपूर उपयोग करें. महाविद्यालय में उपलब्ध साधन संसाधन का लाभ उठाएं.
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने एकल एवं समूह गायन, नृत्य तथा विभिन्न फन गेम्स का आयोजन किया. फ्रेशर्स एवं सभी विद्यार्थियों ने इसका खूब लुत्फ उठाया.