भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के डाइटरी क्लब के अंतर्गत सहा. प्राधायापक डॉ. नीता शर्मा ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को सुपोषण के अंतर्गत स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करते हुए कहा कि छात्र-छात्राएं के लिए पोषक भोजन की बहुत जरूरत है। यदि किसी भी कारण कोई न्यूट्रिशन हमारे शरीर को न मिल पाए तो हमारा शरीर रोगों से ग्रसित हो सकता है। न्यूट्रिशन वह पदार्थ होते हैं, जो आपके शरीर विकास में सहायता करते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं तथा कई बीमारियों से दूर रखते हैं। सजीवों के शरीर में जैविक क्रियाओं के संचालन के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। सजीवों द्वारा भोजन (पोषक पदार्थों) का अन्तर्ग्रहण (भोजन को शरीर में पहुंचाने की क्रिया), पाचन, अवशोषण और स्वांगीकरण करने एवं अपच पदार्थ का परित्याग करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोषण कहते हैं। ऊर्जा उत्पादन, शारीरिक वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक पदार्थों को पोषक पदार्थ कहते हैं। जिस प्रकार से किसी वाहन के लिए ईंधन की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार हमारे शरीर को पोषक तत्व की आवश्यकता होती है।
आमतौर एक ह्यूमन बॉडी को उसकी उम्र और जैविक क्रियाओं के अनुसार पोषक तत्वों की जरूरत होती है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वयस्कों के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं और इन्हीं मानकों के अनुसार व्यक्ति को अपने भोजन में पोषक तत्वों को सम्मिलित करना चाहिए। छात्र-छात्राएं जंक फूड के प्रति आकर्षित हो रहे हैं उन्हें रोकने के लिए श्री शंकराचार्य महाविद्यालय लगातार प्रयास कर रहा है कि छात्र-छात्राओं को संतुलित भोजन के बारे में समय-समय पर लेक्चर द्वारा समझाते हैंl
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना झा और डीन एकेडमिक्स डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि बढ़ते उम्र के छात्र-छात्राओं को न्यूट्रीशन फूड की जरूरत हर समय होती है जिससे उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.सोनिया बजाज और डॉ.केजे मंडल के मार्गदर्शन में किया गया।