भिलाई. 65 वर्षीय संतराम पिछले कई सालों से बिस्तर पर पड़े थे. कोई 10 साल पहले उनकी कूल्हे की सर्जरी हुई थी जिसके कुछ समय बाद से उन्हें दोनों पैरों में असहनीय दर्द रहने लगा था. सर्जरी के बाद पैर छोटा-बड़ा हो जाने के कारण वैसे भी उन्हें संतुलन बनाने में काफी दिक्कतें हो रही थीं. पिछले सप्ताह उन्हें आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर लाया गया. जांच में पाया गया कि उनकी बाई-पोलर हेमीआर्थ्रोप्लास्टी फेल हो गई थी. मरीज को दोबारा सर्जरी की जरूरत थी.
अस्थि विशेषज्ञ डॉ अनुराग चन्द्राकर ने बताया कि बाई-पोलरआर्थ्रोप्लास्टी जांघ की हड्डी के ऊपरी भाग में फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए की जाती है. इसमें एक इम्प्लांट का उपयोग किया जाता है जो जांघ की हड्डी को कूल्हे में बने सॉकेट में फिट करता है. यह इम्प्लांट ढीला था जिसकी वजह से मरीज को पैरों में असहनीय दर्द होता था. उनका चलना फिरना लगभग बंद हो चुका था. बड़ी मुश्किल से वो बिस्तर से उतर पाते थे.
मरीज की टोटल हिप रिप्लेसमेंट रिविजन सर्जरी की गई. सर्जरी सफल रही. मरीज के पैरों का दर्द जाता रहा है. छुट्टी होने से पहले मरीज अस्पताल में भी सहारा लेकर आराम से चल रहा था जिसमें उसे किसी प्रकार की तकलीफ नहीं थी. मरीज क्रॉनिक किडनी डिसीज (सीकेडी) से भी पीड़ित है इसलिए दर्द निवारक औषधियों को लेकर भी विशेष सावधानी बरतनी पड़ी.
आरोग्यम में टोटल हिपरिप्लेसमेंट रिवीजन सर्जरी, फिर चलने फिरने लगा बुजुर्ग
![Bipolar bipolar hemiarthroplasty done at Aarogyam Hospital](http://sundaycampus.com/wp-content/uploads/2024/02/Bipolar-Hemiarthroplasty-Aarogyam-Hospital.jpg)