दुर्ग। नवोदय विद्यालय समिति दिल्ली द्वारा विद्यार्थियों के रचनात्मक कौशल को बढ़ावा देने के लिए ‘रचनात्मक कार्यशाला’ हेतु मध्य क्षेत्र में ‘नवोदय विद्यालय बोरई दुर्ग’ का चयन किया गया। नवोदय विद्यालय दुर्ग में इस कार्यशाला का आयोजन 15 नवंबर से 14 दिसंबर 2018 एक महिने तक हुआ। इस कार्यशाला में विद्यालय में पढ़ने वाले 8वीं से 12वीं तक के कुल 36 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। कार्यशाला के समन्वयक शासकीय कन्या महाविद्यालय दुर्ग के हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी थे। डॉ. अल्पना त्रिपाठी ने सहायक समन्वयक के रूप में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य के.पी. देवसिया ने विद्यार्थियों को इस रचनात्मक लेखन की कार्यशाला का महत्व एवं उपयोगिता समझाया। डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने रचनात्मक लेखन के प्रतिभागियों को विधाओं में रूचि के आधार पर कहानी कविता एवं निबंध के तीन समूह में वर्गीकृत कर रचनात्मक लेखन के टिप्स दिए। उन्हें रचनात्मक लेखन हेतु अध्ययन, सूक्ष्म निरीक्षण, धैर्य, ध्यान और निर्भय अभिव्यक्ति को जीवन में अपनाने की बात कही। बालसुलभ कौतुहल, जिज्ञासा और कल्पनात्मकता ही रचनात्मकता के आधार है। कायर्शाला में विद्याथिर्यों ने स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत थीम पर कविता, कहानी एवं निबंधों की रचना की।
ग्यारहवीं की छात्रा पूर्वी ने ‘नया संकल्प’ ‘वृक्ष लगा’ जैसी कविता लिखी तो 9वीं की छात्रा आकांक्षा ने ‘स्वच्छ भारत’, ‘चुनाव’ और ‘क्यों लड़की मुझे बनाया’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर रचनाएँ की। एनी ने ‘मानवता की मुस्कान’, नमिता ने ‘बेटियाँ फूल’, हर्षिता ने ‘धन्यवाद हिंदी’, छत्तीसगढ़ी गीत और मंत्र कविता रची। यशस्वी ने ‘अटल टिंकरिंग लैब’ और जान्ह्वी ने ‘कूड़ा दानव’ लिखी। डोमन, दिपक, खिलेश्वरी, जानकी आदि विद्यार्थियों ने रचनाएँ की। दुर्ग के रंगकर्मी भाविक रूपड़ा ने कार्यशाला में विद्यार्थियों को नाट्यलेखन के प्रमुख तत्वों की जानकारी दी और बच्चों के साथ मिलकर स्वच्छ भारत पर एक नाटक भी प्रस्तुत किया। भखारा कॉलेज के हिन्दी विद्वान डॉ. भुवाल ठाकुर ने विद्यार्थियों को कविता और कहानी वाचन में प्रवाह, यति, गति और लय के प्रयोग को सिखाया। डॉ. अल्पना त्रिपाठी ने स्क्रिप्ट रायटिंग के गुर सिखाए। कार्यशाला में चुनिंदा विद्यार्थी अपनी रचनाओं को लेकर प्रस्तुति हेतु अगले चरण में भुवनेश्वर जाएंगे। कार्यशाला के आयोजन में नवोदय विद्यालय के अंग्रेजी एवं हिन्दी विभाग के अध्यापकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।