भोपाल। पूरी योजना के साथ एक सिविल कांट्रेक्टर के घर में घुसे डाकुओं को क्या पता था कि देर रात 3:30 बजे भी घर में कोई जाग रहा होगा। वे अभी घुसे ही थे कि सीढिय़ों पर से पकड़ो-पकड़ो, मारो-मारो की पुकार मच गई। इसके साथ ही हाथ में तलवार लिए रणचंडी एक बार में तीन-तीन सीढिय़ां लांघती नीचे आती दिखाई पड़ी। सोचने का वक्त ही नहीं था, हाथ का राड, डंडा वहीं फेंककर वे सिरपर पैर रखकर भागे। दरअसल बीई सेकण्ड की छात्रा चरणप्रीत देर रात 3:30 बजे परीक्षा की तैयारी कर रही थी। वह सेकण्ड फ्लोर पर थी। फस्र्ट फ्लोर पर उसके माता पिता और परिवार के बाकी सदस्य सो रहे थे। उसे ग्राउण्ड फ्लोर में कुछ लोगों की आहट मिली तो उसने मयान से तलवार खींचा और नीचे की ओर उड़ चली। साथ ही उसने अपने पिता को भी तलवार लेकर निकलने के लिए आवाज दी। डकैतों के होश उड़ाने के लिए इतना ही काफी था। इस बेटी को उसकी बहादुरी के लिए देश विदेश से बधाइयां मिल रही हैं।