भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय एवं आरडेन्ट स्टडीस भिलाई के सयुक्त तत्वाधान् में ईएसए सर्टिफिकेट ट्रेनिंग का आयोजन एमओयू के तहत् किया गया। कैट, एमबीए एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-बैंकिंग, एसएससी एवं रेल्वे भर्ती परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में हर दिन एक घंटे का क्लास एवं चालीस मिनट का क्विज का आयोजन किया जा रहा है। यह सर्टिफिकेट ट्रेनिंग प्रोग्राम का शीर्षक एग्जीक्यूटिव मैनेजमेंट एप्टीटुड हैं। यह प्रोग्राम एक महीने चलेगी जिसमें 30 सेशन होंगे। विद्यार्थी कुल 45 घंटे का अध्ययन करेंगे। शतप्रतिशत उपस्थिति पर सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा। इसका उद्देश्य छात्र छात्राओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षा जैसे कैट मैट एसएससी आदि के लिए तैयारी करना है।प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन आरडेन्ट स्टडीस भिलाई के संस्थापक आकाश सिंह कर रहे है वे प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए बच्चों को जरूरी स्ट्रेटज़ी, कनसेप्ट टिप्स एवं ट्रिक्स सिखा रहे हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रबंधन विभाग के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त भिलाई-दुर्ग के विभिन्न स्कूलों जैसे डीपीएस रिसाली के बच्चों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसका लाभ बीबीए प्रथम तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर के 136 छात्र छात्राए ले रहे हैं यह प्रशिक्षण 19 फरवरी 2021 तक चलेगा।
कोविड – 19 के चलते यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकारी गाईड लाइन्स के तहत ऑनलाइन संचालित किया जा रहा र्है। कार्यशाला में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सर्वाधिक पूछे जाने वाले कनसेप्ट के अलावा नियमित क्विज़ का भी संचालन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उन्नत शिक्षार्थी को कई महत्वपूर्ण कार्यभार दिया गया है। प्रत्येक सेमेस्टर से चार बच्चों को मॉडरेटर बनाया गया है। ये छात्र दूसरे छात्रों को कोर्स में जुड़े रहने के लिए उत्साहवर्धन एवं समन्वय का काम कर रहे हैं।
महाविद्यालय की निदेशक/प्राचार्या डॉ रक्षा सिंह के द्वारा छात्र, छात्राओं को प्रशस्ती पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से छात्रों में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति जागरूकता बढ़ती है एवं इन परीक्षाओं को क्रेक करने के लिए जरूरी आत्म-विश्वास भी पैदा होता है।
डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि कैसे इस तरह के कार्यक्रम में विद्यार्थी अपनी कौशल विकास करके प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो सकते है। आकाश सर ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए बताया की महावत जब छोटे हाथी को जंजीर से बांधता है तब कुछ समय तक तो वह उसे तोड़ने की कोशिश करता है पर जब वह बड़ा हो जाता है और उसकी ताकत भी बढ़ जाती है पर वह मानसिक रूप से हारा होने के कारण उन जंजीरों को तोडना नहीं चाहता वैसा कई विद्याथियो के साथ भी होता है वे गणित और अंग्रेजी से उस हाथी के सामान डरते है। हर इंसान हर उम्र में अगर चाहे तो कुछ भी कर सकता है।
प्रो.संदीप जसवंत मैनेजमेंट के विभागध्यक्ष ने कार्यक्रम का संचालन किया और प्रो.अनिल मेनन ने धन्यवाद् ज्ञापन किया। कार्यक्रम में आईक्यूएसी के संयोजक डॉ राहुल मेने एवं डॉ अर्चना झा एवं महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक गण भी उपस्थित थे।