भिलाई। संघर्ष की मिसाल रही भाष्वती रामपाल का भी अवसान हो गया। एक अत्यंत कठिन व्याधि को पराजित कर भाष्वती ने अपने लिये वह जगह बनाई थी जिसकी मिसाल नहीं मिलती। भौतिक विज्ञान की व्याख्यता रही भाष्वती ने मिसेज एशिया यूनिवर्स का खिताब जीता। एंकरिंग से लेकर ईवेन्ट मैनेजमेन्ट में अपनी छाप छोड़ी। वे एक कुशल मेन्टॉर थीं जिनके सान्निध्य में अऩेक विद्यार्थियों ने जीवन की दिशा तय की।भाष्वती को एक असाध्य प्रकार का आर्थराइटिस था। उनके जीवन का लगभग एक दशक छड़ी के सहारे गुजरा था। टोटल हिप रिप्लेसमेन्ट सर्जरी हुई पर उसमें कुछ गड़बड़ हो गई। उन्हें दोबारा सर्जरी से गुजरना पड़ा। अत्यधिक पीड़ा सहते हुए भी उन्होंने जीवन के उजले पक्ष को ही हमेशा आगे रखा। बचपन से ही मेधावी भाष्वती ने भौतक विज्ञान में एमएससी किया। कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर में अध्यापन करती रहीं।
पर उनका सफर यहीं खत्म नहीं हुआ। जब सौन्दर्य प्रतियोगिताओं की राह विवाहित महिलाओं के लिए खुली तो उन्होंने इसमें भी हिस्सा लिया और अपनी जिजीविषा से सबको प्रभावित किया। उन्हें मिसेज एशिया इंटरनेशनल इंडिया का खिताब दिया गया। वे यंगिस्तान से जुड़ीं तथा भिलाई के सबसे बड़े क्रिकेट ईवेन्ट छत्तीसगढ़ क्रिकेट लीग की एंकरिंग कर इसके इतिहास का हिस्सा बन गईं।
भाष्वती के मेन्टॉरशिप में तृषा भौमिक तोमर ने सौन्दर्य प्रतियोगिता जीती। उन्होंने ऐसी सैकड़ों महिलाओं के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जो जीवन में कुछ अलग करना चाहती थीं। भाष्वती ने ईवेन्ट मैनेजमेन्ट काम काम भी शुरू किया। नेहरू नगर में वे एक अध्ययन केन्द्र खोलना चाहती थीं जिसपर काम भी शुरू कर दिया था। पर कोरोना काल ने उसपर ग्रहण लगा दिया।
भाष्वती संघर्ष से सफलता की एक जीती जागती मिसाल थीं। उनका जीवन हजारों लोगों को संघर्ष के लिए प्रेरित करता रहेगा।