दुर्ग। बंगाल की खाड़ी में आये चक्रवाती तूफान “गुलाब“ का असर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि में दिखाई दे रहा है। लगभग 45 से 50 कि.मी. प्रति घंटे की हवाओं की रफ्तार वाले इस चक्रवाती तूफान का नाम “गुलाब“ है। इसके बाद जो भी चक्रवाती तूफान यहां से उठेगा उसका नाम “शाहीन“ होगा। जैसा कि हम सभी जानते है कि एशिया महाद्वीप क्षेत्रों में हिंद महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवाती तूफानों का नामकरण प्रशांत महासागर क्षेत्रों में आने वाले चक्रवाती तूफानों के नामों से भिन्न होता है। गुलाब नाम पाकिस्तान ने दिया है। शाहीन का नामकरण कतर ने किया है। इसके बाद जावद – सऊदी अरब, असानी-श्रीलंका, सितरंग-थाईलैंड, मदौस संयुक्त अरब तथा मोचा नाम यमन ने रख दिया है। ये नाम क्रमशः आने वाले चक्रवाती तूफानों को इसी क्रम से दिए जाएंगे।
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के अधिष्ठाता छात्र कल्याण तथा प्रसिद्ध भू-वैज्ञानिक डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि यदि तूफानों के दौरान हवा की रफ्तार 40 मील प्रति घंटा या अधिक हो तो उसे चक्रवात या आंधी कहते है। यदि हवा की रफ्तार 75 मील प्रति घंटा या अधिक हो तो उसे हरीकेन की संज्ञा दी जाती है। स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित विश्व मौसम संगठन प्रत्येक वर्ष के प्रारंभ में ही लगभग 20 चक्रवाती तूफानों के नामों की सूची जारी कर देता है। इसी सूची के अनुसार प्रशांत महासागर क्षेत्र में आने वाले चक्रवाती तूफानों का क्रमशः नामकरण किया जाता है।
एशियाई महाद्वीप में 13 एशियाई देश आपस में तय करके नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान के जरिये संभावित चक्रवाती तूफानों के नाम तय करते है। पिछले दिनों अरब सागर में आये भयंकर तूफान ताऊते का नाम बर्मा अर्थात् म्यांमार ने दिया था जबकि बंगाल की खाड़ी में उठे “यास“ चक्रवाती तूफान का नामकरण ओमान ने किया था। नामकरण करने वाले देशों की सूची में बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालद्वीव, म्यामार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाइलैंड, संयुक्त अरब अमीरात तथा यमन शामिल है। इन सभी देशों ने मिलकर 169 चक्रवाती तूफानों के नामों की सूची जारी कर दी है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में आये चक्रवाती तूफान “गुलाब“ का नामकरण पड़ोसी देश “पाकिस्तान“ ने किया है। अब अगला चक्रवाती तूफान का नाम “शाहीन“ होगा जिसे कतर ने नामकरण दिया है।
मौसम विभाग द्वारा चक्रवाती तूफानों के आने की पूर्व सूचना चार चरणों में दी जाती है प्रथम चरण में 72 घंटे पूर्व, द्वितीय चरण में 48 घंटे पूर्व, तृतीय चरण में 24 घंटे पूर्व तथा चतुर्थ चरण में 12 घंटे पूर्व चक्रवात की संभावित गति, वर्तमान में लोकेशन, तीव्रता तथा आगे बढ़ने की दिशा की सूचना प्रदान की जाती है।
नामकरण करने वाले 13 देशों में से प्रत्येक ने 13 नाम देकर कुल 169 तूफानों के नामों की सूची जारी कर दी है। इन्हीं नामों की सूची में से क्रमानुसार चक्रवातों का नामकरण किया जाता है। नामरकरण के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वह राजनीतिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से न्यूट्रल हो। किसी राजनीतिक दल अथवा संस्कृति को प्रदर्शित न करता हो। नाम छोटा हो परंतु हिंसा या क्रूरता को बढ़ावा न मिलता हो, उच्चारित करने में सरल नाम हो। किसी भी चक्रवाती तूफान का नाम 8 अक्षरों से बड़ा स्वीकार नहीं किया जाता। एक नाम की कभी भी पुरावृत्ति नहीं की जाती।