भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय द्वारा कैंसर रोग पर किये गए एक सर्वेक्षण में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वेक्षण में शामिल परिवारों में से लगभग एक चौथाई में कैंसर का कोई न कोई रोगी है। कैंसर को भुगत रहे लोगों में से 37 फीसदी महिलाएं हैं। इस सर्वे में 816 परिवारों को शामिल किया गया था। यह सर्वेक्षण कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में किया गया था।
कैंसर विश्व की दूसरी घातक बीमारी है। यदि इसका पता जल्दी लग जाए तो इससे बचा जा सकता है। प्रथम चरण में कैंसर को मात दिया जा सकता है। इंसान को इसके होने का अहसास हो जाये तो वह इसके नाम मात्र से टूट जाता है। सिर्फ मरीज नहीं अपितु उसका पूरा परिवार उसके संघर्ष के साथ दुःख और तकलीफें सहता है। लोगों के बीच जागरुकता फैलाने हेतु 4 फरवरी को हर साल विश्व कैंसर दिवस के रुप में मनाया जाता है। कैंसर इंडिया के अनुसार हर वर्ष भारत में 12 लाख लोग कैंसर से ग्रस्त होते है जिनमें 8 लाख लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है।
अपने क्षेत्र में इस रोग के आंकडे जानने हेतु स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालयए हुडको भिलाई के माईक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा 816 परिवारों का सर्वे किया गया। इस सर्वे के विश्लेषण अनुसार 25.9 प्रतिशत परिवारों में कैंसर के मरीज है। जिनमें महिलाओं का प्रतिशत 37 है। महिलाओं में मुख्यतः ब्रेस्ट कैंसर, युट्रस एवं सरवाइकल कैंसर अधिक पाया गया। पुरुषों में ओरल, थ्रोट, लंग, किडनी, ब्लड कैंसर एवं पैनक्रियाज़ कैंसर की अधिकता पायी गयी। इस सर्वे के अनुसार मरीजों को कैंसर का पता विभिन्न चरणों में लगा जैसे प्रथम चरण में 25.5 प्रतिशत लोगों को इस रोग के बारे में मालूम लगा और उन्होंने अपना ईलाज करवाना शुरु किया।
12.6 प्रतिशत मरीजों को द्वितीय चरण में 8.1 प्रतिशत को तृतीय एवं 17.1 प्रतिशत को अंतिम चरण में पता चला। 39.6 प्रतिशत लोगों को चरण की जानकारी नहीं है। इसी अज्ञानता को दूर करने के लिये हमें प्रयासरत होना है।
उपचार उपरांत 33 प्रतिशत लोगों के स्वास्थ्य में सुधार पाया गया है। 8.9 प्रतिशत मरीजों को कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं हैए 19.6 प्रतिशत मरीजों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी और 38.4 प्रतिशत लोगों को उपचार की सही जानकारी नहीं है।
इस सर्वे के विश्लेषण से यह भी ज्ञात हुआ कि कैंसर जैसी बीमारी गांवों में भी पैर पसारने लगी है। अब यह बीमारी केवल शहरों तक ही सीमित नहीं रहीए इसका मुख्य कारण रासायनिक पदार्थो की मिलावट एवं पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है।
नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 के अनुसार पिछले 4 वर्षो में कैंसर रोगियों की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
कैंसर से बचाव के उपायों को अपना कर हम कैंसर रुपी विकराल बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है जैसे भोजन में हरी और पीली चीजों के उपयोग से ओरल कैंसर से बचाव होता है धू्रमपान, गुटखा एवं तम्बाखु का उपयोग बंद करें और मद्यपान से परहेज कर हम कैंसर से बचाव कर सकते है। डब्बा बंद खाद पदार्थो का सेवन न करें। रासायनिक पदार्थो के उपयोग से बचेंए जैविक खाद पदार्थो का उपयोग करें।
अतः छत्तीसगढ़ में पैर पसारती कैंसर से लड़ने और बचाव करने हेतु हमें हाथ मिलाकर और क्षेत्रों को जागरुक कर इसकी रोकथाम की जा सकती है।
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