दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में आज हेमचंद यादव जी की चौथी पुण्यतिथि पर श्रंद्धाजली समारोह का आयोजन किया गया। टैगोर हॉल में आयोजित समारोह का आरंभ विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा, कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप तथा अन्य अधिकारियों द्वारा स्वर्गीय यादव के तैलचित्र पर पुष्पार्पित कर किया गया। सभी ने क्रमानुसार भावभीनी श्रद्धाजंली अर्पित की।
समारोह के आंरभ में विष्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि 11 अपै्रल 2018 को श्री यादव के नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में निधन के पश्चात् छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2018 में दुर्ग विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया गया। उन्होंने स्वर्गीय हेमचंद की सादगी, सरलता एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व से जुड़े अनेक पहलुओं की चर्चा की। विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने कहा कि श्री हेमचंद के दिखाये गये रास्तों पर चलकर विश्वविद्यालय का प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी सच्ची श्रद्धाजंली दे सकता है।
कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने श्री यादव को अजातशत्रु निरूपित करते हुए कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ मंत्री मंण्डल के लगभग हर महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व संभाला। श्री यादव हमेशा यह कहा करते थें कि सही कार्य करने में हमें किसी सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती। अतः हमें सही कार्य करके निर्भिक रहना चाहिए। डॉ. पल्टा ने समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से विश्वविद्यालय की प्रगति में यथा अनुसार सहयोग करते हुए सहभागिता का आग्रह किया। आज विश्वविद्यालय परिसर में स्वर्गीय हेमचंद यादव जी के सुपुत्र जीत यादव को भी आमंत्रित किया गया था। जीत ने अपने पिता के जीवन से जुड़े अनेक अनछुए पहलुओं की चर्चा की।