भिलाई. छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के अंतर महाविद्यालयीन शतरंज प्रतियोगिता का उद्घाटन आज एमजे कालेज में किया गया. इस प्रतियोगिता में बालकों की 16 टीमें तथा बालिकाओं की 8 टीमें भाग ले रही हैं. प्रत्येक टीम में 3 से 5 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. एमजे ग्रुप की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं सीएसवीटीयू के क्रीड़ा समन्वयक डॉ एसआर ठाकुर ने औपचारिक रूप से शतरंज खेलकर इस दो दिवसीय प्रतियोगिता का आगाज किया.
डॉ ठाकुर ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जो जीतेंगे उन्हें तो बधाइयां मिलेंगी ही पर जो नहीं जीतेंगे उन्हें वे उससे भी बड़ी बधाई देना चाहेंगे. क्योंकि जब तक हारेगा नहीं तो कोई जीतेगा कैसे. उन्होंने कहा कि प्रयत्न करना, प्रतिभागिता देना ही हमारे हाथ में होता है, उसका परिणाम नहीं. इसलिए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करें और संतुष्टि प्राप्त करें.
समूह की निदेशक डॉ विरुलकर ने कहा कि शतरंज का खेल हमें जीवन के कई सबक सिखा देता है. किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजना बनाकर काम करना होता है. कदम-कदम पर योजना में तब्दीली करनी पड़ सकती है, नए रास्ते निकालने पड़ सकते हैं. शतरंज का खेल हमें इसके लिए तैयार करता है. उन्होंने सभी प्रतिभागियों का महाविद्यालय प्रांगण में स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं.
इस अवसर पर एमजे ग्रुप की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं सीएसवीटीयू के क्रीड़ा समन्वयक डॉ एसआर ठाकुर ने शतरंज खेलकर इस अंतरमहाविद्यालयीन टूर्नामेंट का औपचारिक उद्घाटन किया.
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सरस्वती ने स्वागत भाषण दिया. मंच संचालन रीता चानना एवं दीपक रंजन दास ने किया.
इस अवसर पर शतरंज के मुख्य फीडे आर्बिटर गिरधर देशमुख, उप मुख्य आर्बिटर गोविंद देशमुख, पालीटेक्नीक कालेज दुर्ग के सुभाष सोनी के अलावा एमजे कालेज (डिग्री) के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन सहित सभी व्याख्याता, सहायक प्राध्यापक एवं सभी प्रतिभागी मौजूद थे.