रायपुर। आईपीएस डी रविशंकर ने। उन्होंने गुरुवार को अपनी लाडली दिव्यांजलि का शहर के शांतिनगर स्थित सरकारी स्कूल में कक्षा दो में दाखिला कराया। इससे पहले बलरामपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने अपनी बेटी और विधायक शिवशंकर साय ने अपने बेटे का सरकारी स्कूल में दाखिला करा कर मिसाल कायम की है। पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों में पौने सात लाख बच्चों का प्रवेश घटा है तो ऐसे में इनकी यह पहल रंग ला सकती है।आम तौर पर सरकारी स्कूलों की छवि सही नहीं मानी जाती। लोगों को लगता है कि वहां पढ़ाई नहीं होती और बच्चे का भविष्य चौपट हो जाएगा। यही वजह है कि अभिभावक यहां अपने बच्चों के दाखिले को राजी नहीं होते। महंगे अंग्रेजी स्कूलों का रुख करते हैं। लेकिन यहां एसआईबी में तैनात आईपीएस डी रविशंकर ने इस धारणा को तोड़ दिया। उन्होंने अपनी बेटी दिव्यांजलि का शांतिनगर स्थित सरकारी स्कूल में दाखिला कराया। इस दौरान उनकी पत्नी डी ललिता भी स्कूल गई थीं।
डी रविशंकर ने कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ की आंचलिक बोली और हिंदी भाषा के प्रति अनुराग है। वैसे भी मेधा किसी भाषा विशेष की मोहताज नहीं होती। सरकारी स्कूलों से बड़ी प्रतिभाएं सामने आती रही हैं। डी रविशंकर का मानना है कि दिव्यांजलि अंग्रेजी के अलावा हिंदी में भी पारंगत होगी। अन्य बच्चों के साथ उनकी बेटी का तनावमुक्त मानसिक विकास होगा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी स्कूलों में बस्तों का बोझ और कई ऐसी गतिविधियां हैं जो बाल मन के प्रतिकूल होती हैं। सरकारी स्कूलों में प्रतिभाओं को संवरने का पूरा मौका होता है। अभिभावकों को इसे समझना होगा।