दंतेवाड़ा। मां के दूध में सैचुरेटेड एसिड होते हैं जिनसे पहले छह महीने में शिशु का मस्तिष्क तेजी से बढ़ता है। कोलेस्ट्रम पहले टीके की तरह होता है जो शिशु में प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है। यह जानकारी विश्व स्तनपान दिवस पर विशेषज्ञों ने दी। दिवस विशेष पर हुए कार्यक्रम में शिशु के लिए माँ के दूध के महत्व के बारे में बताते कहा कि कि माँ का दूध शिशु के लिए एक परिपूर्ण आहार है यही एक मात्र आहार है जिसकी शिशु को प्रारंभिक 6 महीने तक आवश्यकता होती है। महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने कहा की स्वास्थ मंत्रालय और विश्व स्वास्थ संगठन शिशु जन्म के पहले 6 महिने तक केवल स्तनपान की सलाह देते है। और साथ ही 6 महिने बाद उपरी आहार के साथ भी स्तनपान जारी रखने को कहते है। उन्होंने कहा की स्तन दूध में लां चैन पॉलीअन सेचुरेटेड वसीयअम्ल होते है जो शिशु के मस्तिष्क के विकास में सहायक होते है एवं यह सडन डेथ के खतरे को कम करता है। जनपद अध्यक्ष सुनिता भास्कर ने कहा कि माँ का पहला दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहा जाता है यह बधो का पहला टीका कहलाता है। जिस बधो को यह अमृत मिलता है वह जीवनभर निरोगी एवं शक्ति से भरपूर होता है। कार्यक्रम के दौरान शीघ्र एवं सतत स्तनपान पर फिल्म भी दिखाई गई, प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया एवं स्वस्थ शिशु पुरस्कार का आयोजन किया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा बाल अधिकार एवं बधाों के प्रति होने वाले शोषण की जानकारी उपस्थित जन समुदाय को दी गई। कार्यक्रम में महिला संरक्षण अधिकारी (नवाबिहान) मनीषा ठाकुर, स्निप से सरिता अल्लूर, सखी वनस्टाप सेन्टर से पुष्पा भट्ट, पर्यवेक्षक सरोज ठाकुर, अनुराधा ठाकुर, अनिमा साय, किरण रात्रे, श्रेष्ठा विश्वकर्मा एवं महेश बघेल, उषा सिंह मौजूद थे।