दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग में भूगोल विभाग के तत्वाधान में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मानव एवं वातावरण अंतर्संबंध विषय पर शासकीय दिग्विजय पीजी महाविद्यालय, राजनांदगांव के प्राध्यापक डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ. मिश्र ने बताया कि संभववाद की विचारधारा में पर्यावरण की प्रधानता होती है। जबकि निश्चयवाद में मानवीय प्रधानता मुख्य रहती है। उन्होनें नवीन निश्चयवाद की विचारधारा की विस्तृत चर्चा की जिसमें पर्यावरण और मानव के अंतर्संबंध मुख्य होते है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने पर्यावरण के मानव जीवन में प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि हम प्रकृति से बहुत कुछ प्राप्त करते है पर बदले में देते कुछ नहीं। बढ़ता प्रदूषण चिंताजनक ही नहीं अब बड़ी समस्या हो गया है।
कार्यक्रम का संचालन कु. ज्योति साहू ने किया। विभागाध्यक्ष डॉ. सुचित्रा खोब्रागढ़े ने की छात्राओं को संबोधित किया। आभार प्रदर्शन सृष्टि श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर भूगोल की छात्राएँ बड़ी संस्था में उपस्थित था।