भिलाई। श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में आयोजित महाकवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार ने आज दिल्ली पर खूब तंज कसे। उन्होंने कहा कि देश राजनीति के अपराध गिन रहा है, 100 का आंकड़ा पूरा होते ही वह ठीक उसी तरह सजा देगा जैसे श्रीकृष्ण ने शिशुपाल को दिया था। श्री पंवार ने कहा कि शिशुपाल की माता ने श्रीकृष्ण से वचन लिया था कि वह बदजुबान शिशुपाल के 99 अपराध माफ कर दे। श्रीकृष्ण ने इस वचन का मान रखा पर जैसे ही शिशुपाल ने 100वीं बार अपशब्द कहे, सुदर्शन चक्र ने उसकी गर्दन उड़ा दी। उन्होंने कहा कि देश को दिल्ली से बहुत उम्मीदें हैं पर वह शासन के अपराध भी गिन रहा है।प्रधानमंत्री श्री मोदी का जिक्र करते हुए वीररस के कवि ने कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और प्रेम पर कोई संदेह नहीं है पर 56 इंच का सीना अब दिखना चाहिए। सईदा को सबसे बड़ा आतंकी बताते हुए ओजस्वी कवि ने कहा कि उनके साथ सरकार बनाना एक बड़ी भूल थी। कश्मीर का राग अलापने वाले एक तरफ जहां देश के संविधान को नहीं मानते वहीं इसी संविधान की धारा 370 के उच्छेद का विरोध करते हैं। उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों की हो रही हत्या पर चिंता व्यक्त की।
श्री पंवार ने कहा कि देश तब खुश होगा जब पाकिस्तान और उसके इरादों के गाल पर भारत का तमाचा पड़ेगा। ऐसा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुआ था जब पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए गए थे। उसके बाद से केवल बातें ही हो रही हैं। देश की रक्षा करने वाले देवताओं पर पत्थर बरसाए जा रहे हैं, सैनिकों के सिर काटे जा रहे हैं और दिल्ली खामोशी से देख रहा है।
39 सालों तक कानून के प्राध्यापक रहे श्री पंवार ने संस्कारों की चर्चा करते हुए कहा कि अंग्रेजी कार दिला सकती है पर संस्कार तो केवल मातृभाषा ही दे सकती है। एक अन्य प्रसंग का जिक्र करते हुए आपने कहा कि एक बार एक पिता और पुत्री बाढ़ में फंस जाते हैं। पिता बेटी की ओर हाथ बढ़ाते हुए उसे हाथ पकड़ने के लिए कहते हैं। इस पर बेटी कहती है कि वह चाहेगी कि पिता उसका हाथ पकड़ें। जब पिता ने कारण पूछा तो उसने कहा – बेटी पिता का हाथ कभी भी छोड़ या छुड़ा सकती है पर पिता कभी अपनी बेटी का हाथ नहीं छोड़ेगा। इसलिए वह चाहती है कि पिता ही बेटी का हाथ थामे।
उनके साथ आए हास्यरस के कवि अनिल चौबे एवं शृंगार रस की कवयित्री पद्मिनी शर्मा ने भी श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम में श्रीगंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमैन आईपी मिश्रा, महाविद्यालय के निदेशक सह प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह, अतिरिक्त निदेशक डॉ दुर्गा प्रसाद राव, दुर्ग विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डॉ एनपी दीक्षित सहित सुधी श्रोतागण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन सुधी श्रोता परिषद के संयोजक राजीव चौबे के सहयोग से किया गया था। आरंभ में श्री चौबे ने लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करते हुए शपथ भी दिलाई।