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शंकराचार्य महाविद्यालय में पीएससी एवं यूपीएससी की तैयारी के लिए कार्यशाला

Dec 3, 2018

SSMV organises workshop for PSC, UPSCभिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के कला संकाय द्वारा आईएएस, यूपीएससी एवं पीएससी की तैयारी हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कब और कैसे करें, से अवगत कराना था। इसके लिए विशेष रूप से कोलकाता से कैरियर लॉन्चर सौरभ घोषाल को आमंत्रित किया गया था। श्री घोषाल ने इन परीक्षाओं के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये परीक्षाएं मुख्यत: तीन स्तर पर सम्पन्न होती है- प्रीलिम्स, मुख्य और अंत में साक्षात्कार। श्री घोषाल ने  बताया कि चौदह सर्विसेस के लिए आयोजित इन परीक्षाओं में मुख्यत: शैड्यूल लैंग्वेज और जी.एस. पेपर की तैयारी मुख्य होती है इसके अलावा एक वैकल्पिक विषय का भी चुनाव किया जाता है। इस विषय का चुनाव अपनी रूचि के अनुसार करना चाहिए। उसकी तैयारी हेतु एनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन करें। प्रश्नों को अपनी भाषा में हल करने का प्रत्यन करें। किसी भी उत्तर को किताबी भाषा में न लिखें। किसी भी प्रशासनिक प्रतियोगी परीक्षा हेतु न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष (सामान्य वर्ग हेतु) तथा 37 वर्ष (अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु) निर्धारित की गई है। जिसमें सामान्य वर्ग अधिकतम 06 बार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग प्रति वर्ष सम्मिलित हो सकते हैं। साक्षात्कार की तैयारी करते समय व्यक्तित्व निर्माण, तार्किक क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता और पद के अनुसार शारीरिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने हेतु विद्यार्थी अपने लेखन कौशल को विशेष रूप से विकसित करें। किसी भी शीर्षक पर अपने विचार लिखते हुए उसे अन्य विद्याथिर्यों के साथ साझा करें और उनके विचारों का भी अध्ययन करें। विषय पर गहन अध्ययन आवश्यक है। भिलाई के कैरियन लॉन्चर श्री सिद्धार्थ मेहता ने अपने वक्तव्य में बताया कि यदि आप छत्तीसगढ़ पी.एस.सी. प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं तो आई.ए.एस. की तैयारी करें। इससे आप अत्यधिक लाभांवित होंगे। तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाएँ जैसे- बैंकिंग, रेल्वे में भी आशानुरूप सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. महेन्द्र शर्मा के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. जयश्री वाकणकर, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सुमीता सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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