दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मेडिकल सेंटर के तत्वाधान में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मानसिक स्वास्थ्य और मोबाइल’ विषय पर मनोविशेषज्ञ डॉ. शमा हमदानी ने छात्राओं से संवाद किया। मेडिकल सेंटर प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में मनोविशेषज्ञ महाविद्यालय के मेडिकल सेंटर में आकर काउंसिलिंग करते है तथा छात्राओं की विभिन्न समस्याओं पर परामर्श तथा सुझाव देते है। स्थानीय अपोलो कॉलेज आॅफ नर्सिंग एवं श्रेयस नर्सिंग कॉलेज भिलाई की मनोविशेषज्ञ एवं काउंसलर डॉ. शमा हमदानी को महाविद्यालय के सेंटर में मार्गदर्शन हेतु आमंत्रित किया गया। आज के संवाद कार्यक्रम में डॉ. शमा हमदानी ने ‘मोबाइल’ को लेकर हो रहे मनोविकारों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मोबाइल एडिक्शन का फैलाव हो रहा है। मोबाइल गेम के कारण युवा दिग्भ्रमित हो रहे है। एकाग्रता नष्ट हो रही है। आँखों में तनाव की वजह से चिड़चिड़ापन और अकेलापन का शिकार नई पीढ़ी हो रही है।
डॉ. हमदानी कहती है कि सेल्फी लेने की आदत तथा डीपी चेंज करने की आदत भी धीरे-धीरे विकार का रूप ले रही है। पढ़ाई के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। बार-बार व्यवधान होने से पढ़ाई की एकाग्रता नष्ट हो रही है। उन्होने विभिन्न शोध कार्यों के आधार पर इस पर नियंत्रण करना आवश्यक बतलाया। डॉ. हमदानी ने छात्राओं को मोबाइल के उपयोग हेतु निश्चित समय सारणी के अनुसार ही प्रयोग करने पर जोर दिया जिससे ज्यादा समय नष्ट न हो और पढ़ाई की जा सके।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने भी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए इसे उपयोगी बतलाया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग द्वारा महाविद्यालय में स्थापित काउंसिलिंग सेंटर में माह में दो बार निजी क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट की उपस्थिति सुनिश्चित की है। जिससे विद्याथिर्यों को सतत् रूप से मार्गदर्शन मिल सकेगा और वे अपनी समस्यायें बेझिझक दूर कर सकेंगी।
इस अवसर पर गृहविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता सहगल एवं डॉ. अल्का दुग्गल, डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल उपस्थित थे।