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स्वरूपानंद कालेज के विद्यार्थियों ने देखा लोहे का गलना एवं ढलना

Jan 9, 2019

SSSSMV BSP Visitभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के बीएससी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने भिलाई स्टील प्लांट का भ्रमण कर रेल मिल, कनवर्टर शॉप आदि का अवलोकन किया। महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा षैक्षणिक भ्रमण को व्यवहारिक ज्ञान हेतु आवश्यक बताते हुये गणित विभाग को बधाई दी। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने प्राध्यापकों के प्रयास की सराहना करते हुये कहा कि शैक्षणिक भ्रमण द्वारा विद्यार्थियों को स्वयं देखकर व अनुभव से सीखने का मौका मिलता है इससे विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान में वृद्धि होती है।भ्रमण के उद्देश्यों को बताते हुये श्रीमती मीना मिश्रा, विभागाध्यक्ष गणित कहा कि इस शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थी विज्ञान में पढ़े हुये ब्लास्ट फरनेंस, का प्रायोगिक ज्ञान की जानकारी देना है। भ्रमण से छात्र-छात्रायें बाह्य जगत के सीधे संपर्क में आते है और उनकी निरीक्षण दृश्टि विकसित होती है।
विद्यार्थियों ने प्लांट के अंदर अलग-अलग मिलों का भ्रमण किया और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जाना। बीएससी छात्र वीवेक आनन्द ने बताया कि ‘भिलाई की पटरियों पर दौड़ता है भारत’ इस सूत्र वाक्य को पढ़कर अंचल में प्लांट की महत्ता को समझकर हम गौरान्वित महसूस कर रहे थे। रेल मिल में हमें रेल की पटरी को कैसे बनाया जाता है उनके बारे में बताया गया। विद्यार्थियों को जानकारी दी की पूरे भारत में रेलवे द्वारा भिलाई स्टील प्लांट में बनाई गई रेल की पटरियों का उपयोग किया जाता है।
कनवर्टर शॉप मिल में लोहे को पिघलते हुये देखकर विद्यार्थियों ने कहा जिनके बारे में हम किताबों में पढ़ते थे उसको प्रायोगिक रूप में देखकर बहुत अच्छा लगा इसके अलावा विद्याथिर्यों ने ‘कन्टीन्यूस कास्टिंग शॉप, प्लेट’ मिल का भ्रमण किया।
बीएससी की विद्यार्थी गर्विता अग्रवाल ने कन्टीन्यूस कास्टिंग शॉप में देखा कि किस प्रकार पिघले हुये लोहे को प्लेट का आकार दिया जा रहा है साथ ही प्लेट मिल में विद्यार्थियों ने ‘आइएनएस विक्रान्त’ भारतीय नौ सेना का एक सेवा एक निवृत युद्ध पोत है, मॉडल को देखा जिसे बनाने में भिलाई स्टील प्लांट की लोहे की प्लेट का उपयोग किया गया।
एश्वर्या राय, अंजली कुमारी, प्रज्ञा, गायत्री और महेश पटेल आदि सभी विद्यार्थियों ने बीएसपी प्लांट के रोलिंग मिल, रॉड मिल में लोहे की प्लेट से लोहे की छड़ बनते हुये देखा। प्लांट के अन्दर इतने ज्यादा तापमान में काम कर रहे कर्मचारियों को देखकर विद्यार्थी बहुत उत्साहित हुये और उनके काम करने के तरीके व वातावरण को देखकर बहुत रोमांचित हुये। वात्या भट्टी के बारे में केवल किताबों में पढ़ा है प्लांट में वात्य भट्टी की कार्यप्रणाली को सामने से देख के बहुत अच्छा लगा।
इस शैक्षणिक भ्रमण में डॉ. श्रीमती रजनी मुद्लियार (विभागाध्यक्ष रसायन), स.प्रा. श्वेता निर्मलकर, (गणित), श्रीमती आरती गुप्ता, (विभागाध्यक्ष प्रबंधन) विभाग शामिल हुये।

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