भिलाई। सरकारी स्कूल का एक शिक्षक पिछले लगभग छह सालों से कमर दर्द से परेशान था. कभी-कभी दर्द इतना बढ़ जाता कि वह उठने और चलने फिरने में भी असमर्थ हो जाता. उसने कई उपाय किये पर समस्या एकाएक किसी भी समय लौट आती. थक हार कर वह आरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंचा जहां उसकी रीढ़ की सर्जरी की गई. अब वह पूरी तरह दर्द से मुक्त है. एक दो दिन में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
स्पाइन सर्जन डॉ कुलदीप सिंह ने बताया कि 26 वर्षीय इस युवक की रीढ़ का एल-5 एस-1 हिस्से में समस्या थी. यह वह जोड़ है जहां रीढ़ उलटी दिशा में मुड़ने लगती है. इसे स्पाइनल मोशन सेगमेंट या लुंबोसैक्रल जोड़ भी कहा जाता है. इस क्षेत्र में, रीढ़ की वक्रता लम्बर लॉर्डोसिस (आगे की ओर वक्र) से सेक्रल किफोसिस (पिछली ओर वक्र) में बदल जाती है। एल-5 एस-1 रीढ़ से भार को श्रोणि और पैरों में स्थानांतरित करने में मदद करता है. रीढ़ का यह हिस्सा दर्दनाक चोटों, डिस्क हर्नियेशन और/या तंत्रिका दर्द के प्रति संवेदनशील बन सकता है. इन दो कशेरुकाओं के बीच की गद्दी बाहर फैल गई थी. सर्जरी कर इस विकार को दूर कर दिया गया.
युवक ने बताया कमर और पीठ में यह दर्द पहली बार 2018 में उठा था. इसके बाद उसने कई प्रकार के इलाज कराए, मालिश और सिंकाई भी करवाई. दर्द थोड़े दिनों के लिए शांत हो जाता और फिर लौट आता. तब जाकर समझ में आया कि मामला गंभीर है. पिछले सप्ताह जब दर्द लगातार 2-3 दिन तक बना रहा और खड़ा होना या चलना फिरना तक मुश्किल हो गया तो वह सीधे अस्पताल पहुंच गया. अब युवक की हालत काफी बेहतर है और वह स्वयं उठ बैठ और चलफिर पा रहा है. जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.