भिलाई। लावारिस लाशों का क्रियाकर्म करने से लेकर दिव्यांगजनों का घर बसाने में दिन रात जुटे आस्था बहुउद्देश्यीय संस्था के संचालक प्रकाश गेडाम ने हाल ही में एक बच्ची का जीवन बचा लिया। महज छह साल की यह बच्ची नशेड़ी बच्चों के समूह में घूमती फिरती देखी गई थी। प्रकाश ने बच्ची को बरामद कर उसे शासकीय बालिका छात्रावास पहुंचाकर एक बार फिर एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दिया है।छह साल की यह बालिका बेघर हो चुकी थी। उसकी मां उसे छोड़कर चली गई थी। उसके पिता दिन भर शराब के नशे में इधर उधर भटकते रहते थे। उसकी देखभाल करना तो दूर उसे भोजन वस्त्र की चिंता करने वाला भी कोई नहीं था। बालिका आवारागर्दी करने वाले बच्चों के साथ हो गई थी। जो मिला खा लिया, जहां मिला विश्राम कर लिया। उसका भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय हो गया था।
जब प्रकाश को इस बालिका के बारे में पता चला तो उन्होंने उसकी तलाश की। बालिका मिल गई। उन्होंने उसे नहला धुलाकर भोजन कराया। नए कपड़े और चप्पलें दिलाई और फिर उसे लेकर शासकीय बालिका छात्रावास पहुंच गए। अब यहां बालिका सुरक्षित है। भोजन और आश्रय के साथ साथ उसकी पढ़ाई लिखाई की भी व्यवस्था अब सरकार करेगी।
प्रकाश ने बताया कि यदि सभी नागरिक अपने आसपास के माहौल पर नजर रखें तो कोई भी बच्चा यूं अनाथों की तरह सड़कों पर नहीं भटकेगा। ऐसे बच्चों के लिए शासन की अनेक योजनाएं हैं। जरूरत सिर्फ इन बच्चों को उनतक पहुंचाने की है।