दुर्ग। साइंस कालेज दुर्ग में समारोह पूर्वक गीता जयंती मनायी गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह के मार्गदर्शन में संस्कृत विभाग द्वारा यह आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को संबाधित करते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ. एमए सिद्दीकी ने कहा कि गीता एक मात्र धार्मिक ग्रंथ है जिसकी जयंती मनायी जाती है। गीता आज भी इस भागदौड़ भरे जीवन में उपयोगी एवं प्रासंगिक है हमें गीता को महज एक धार्मिक ग्रंथ के रूप में ना देखकर उसके गहन ज्ञान का एवं उसके व्यवहारिक ज्ञान का लाभ उठाना चाहिए।कार्यक्रम में भौतिक शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. पूर्णा बोस ने गीता के श्लोक का सुमधुर उच्चारण करते हुए, उसे जीवन में अपनाने पर जोर दिया। डॉ. अनुपमा कश्यप ने कहा कि विद्यार्थी जीवन या अन्य कामकाजी जीवन सभी के लिए गीता राह दिखाने का कार्य करती है गीता तनावग्रस्त जीवन में आशा और शांति का संचार करती है। श्रीमती प्रतिभा श्रीवास्तव ने भी गीता के विषय मे सारगर्भित विचार रखें। डॉ. श्री निवास देशमुख के मार्गदर्शन में गीता प्रवचन का विडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से छात्र-छात्राओं को दिखाया गया। कार्यक्रम में स्नातक कक्षा के छात्र-छात्राओं ने मधुर स्वर में श्लोक पाठ किया जिसमें श्रेष्ठ श्लोक पाठ करने वाले को पुरस्कृत किया गया। श्लोक पाठ कर्ताओं मे पूर्णिमा साहू, दुलारी देशमुख, नेहा साहू, दीपमाला, रेणुका, मनीष कुमार वर्मा आदि प्रमुख थे।
महाविद्यालय में संस्कृत संम्भाषण शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें छात्र छात्राओं को संस्कृत में बातचीत करना सिखाया जा रहा है। महाविद्यालय में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान दिल्ली से अनौपचारिक संस्कृत प्रमाण पत्रीय कायर्कुम भी संचालित होता है जिसमें विगत वर्ष अनौपचारिक संस्कृत प्रषिक्षण परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। कार्यक्रम में डॉ. शिखा अग्रवाल, डॉ. सुचित्रा गुप्ता, डॉ. कृष्णा चटर्जी, डॉ. संध्या अग्रवाल डॉ. के पद्मावती, डॉ. अशुमाला चंदनगर, डॉ. अभिषेक मिश्रा एवं बड़ी संख्या मे महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत मे आभार प्रदर्षन करते हुए संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. जनेन्द्र कुमार दीवान ने प्रतिदिन गीता के दो श्लोक पाठ करने का आग्रह किया। संचालन संस्कृत प्रशिक्षक अमित मिश्र ने किया।