भिलाई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई में 28 अगस्त को एक वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का विषय था नेशनल एजुकेशन पॉलिसीः मेकिंग इंडिया अ नॉलेज इम्पीरियम। यह आयोजन महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय एवं शिक्षा संकाय के संयुक्त तत्वावधान में आईक्यूएसी द्वारा किया गया। महाविद्यालय की निदेशक सह प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने कहा कि इस नीति को लागू करने से पूर्व समस्त शिक्षाविदों तथा हितग्राहियों को इसपर खुलकर चर्चा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा इस नीति के द्वारा भारत को एक बार फिर ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। हमें एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनानी है जिसमें व्यक्ति का बौद्धिक विकास हो, वह विश्लेषण करने में समर्थ हो और उसमें तीक्ष्ण बुद्धि का विकास हो सके।
इंदिरा गांधी नेशनल सेन्टर ऑफ आर्ट्स डॉ सच्चिदानंद जोशी ने भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा पर अपना वक्तव्य रखा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मूल में धर्म अर्थात सही आचरण होना चाहिए जो मूल्य आधारित जीवन की प्रेरणा देता हो। उन्होंने विष्णु पुराण का हवाला देते हुए कर्म की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा मोक्ष का मार्ग बनना चाहिए। उन्होंने गुरु शिष्य परम्परा का उल्लेख करते हुए गुरू दक्षिणा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की विविधता पूर्ण भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं पारम्परिक पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि सही शिक्षा इसकी निरंतरता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुमन कुमार ने अपने वक्तव्य में नई शिक्षा नीति में परिवर्तन एवं चुनौतियों की चर्चा की। उन्होंने 1968 की शिक्षा नीति से लेकर अब तक की यात्रा की विवेचना की। उन्होंने शालेय शिक्षा, उच्च शिक्षा, विदेशी सहकार की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत विश्व की चोटी के 100 शिक्षण संस्थानों को भारत में कैम्पस स्थापित करने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की राह में आने वाली चुनौतियों की भी चर्चा की।
वेबीनार में महाविद्यालय के सभी फैकल्टी मेम्बर्स ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सहभागिता दी। वेबीनार में देशभर से लगभग एक हजार प्रतिभागी जुड़े रहे।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गाप्रसाद राव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न प्रस्तावों की विस्तार से चर्चा करते हुए वक्ताओं के प्रति आभार प्रकट किया।