भिलाई। ये वो खेल हैं जिन्हें हम बचपन में खेलते रहे हैं। इन्हीं खेलों की वजह से आज भी हम सक्रिय और स्वस्थ हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों का जिसमें गिल्ली डंडा, गेडी, उधऊ पुक, तुए लंगरची, संखली, सुर पिटठुल, फुगड़ी, भौंरा आदि शामिल हैं। इन्हीं खेलों की एक प्रतियोगिता का आयोजन पाटन में हो रहा है जिसे नाम दिया गया है छत्तीसगढ़ी खेल महोत्सव या यूं कहें कि पाटन खेल मड़ई।छत्तीसगढ़ शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ ओलम्पिक एसोसिएशन द्वारा पाटन में इसका दो दिवसीय आयोजन 20 एवं 21 फरवरी को किया गया है। मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा ने इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर ओलम्पिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा, जीएस बांबरा, बशीर अहमद खान, साही राम जाखर, कैलाश मुरारका, भूपेन्द्र कश्यप, नगर पंचायत अध्यक्ष पाटन आदि उपस्थित थे।
पाटन खेल मड़ई में दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, कांकेर, गरियाबंद, महासमुन्द, बलौदाबाजार, जांजगीर, बिलासपुर, बेमेतरा, बालोद, सूरजपुर, रायगढ़, रायपुर से लगभग 500 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।