भिलाई। डीएवी पब्लिक स्कूल हुडको के प्राचार्य प्रशांत कुमार ने कहा कि विकास और प्रकृति सहगामी नहीं हो सकते। जब हम विकास की बात करते हैं तो कहीं न कहीं हम प्रकृति से छेड़-छाड़ कर रहे होते हैं। पर यदि हम विकास के कारण प्रकृति को हुई क्षति की भरपाई कर लेते हैं तो विकास और प्रकृति संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं। राजस्थान के मरूस्थल इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं।