दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा आयोजित सात दिवसीय “मीट द डॉक्टर” श्रृंखला का आज समापन हो गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के कुलपति डॉ अशोक चन्द्राकर ने इस अवसर पर कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने का संकल्प प्रतिभागियों को दिलाया।डॉ चन्द्राकर ने कहा कि विश्वविद्यालय जैसी उच्च शिक्षा संस्थानों का यह दायित्व है कि वे कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु आम जनता को जागरूक करने हेतु कार्यक्रम एवं अभियान चलायें। डॉ चन्द्राकर ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा ’’मीट द डॉक्टर’’ श्रृंखला की सराहना करते हुए इसे विद्यार्थियों एवं समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए लाभदायक बताया।
आरंभ में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने डॉ अशोक चन्द्राकर तथा आमंत्रित वक्ता नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत श्रीवास्तव का परिचय देते हुए बताया कि उक्त दोनों अतिथिगण सहपाठी तथा नेत्र के जाने माने नेत्ररोग विशेषज्ञ हैं। डॉ प्रशांत श्रीवास्तव अब तक 60 हजार मोतियाबिन्द के ऑपरेशन कर चुके हैं। विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ अरूणा पल्टा ने डॉ प्रशांत श्रीवास्तव के व्याख्यान को प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभदायक बताते हुए स्वयं भी प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया।
अपने स्वागत भाषण में कुलपति, डॉ अरूणा पल्टा ने बताया कि सात दिवसीय ’’मीट द डाक्टर’’ ऑनलाईन व्याख्यान श्रृंखला में सात विभिन्न विशेषज्ञों, डॉ पुर्णेन्दु सक्सेना ने बोन हेल्थ, डॉ स्मित श्रीवास्तव ने हृदय रोग, डॉ अनुप वर्मा ने शिशुओं के स्वास्थ्य, डॉ पल्लवी श्रीवास्तव ने ब्लैक फंगस, डॉ आनंद श्रीवास्तव ने स्टेमसेल थैरेपी, डॉ अरविंद नेरल ने रक्तदान का महत्व तथा डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने नेत्र रोग से बचाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दीं। डॉ पल्टा ने बताया कि सातों दिन लगभग 400 से अधिक प्रतिभागी ऑनलाईन रूप से जुड़े रहे।
आज के ऑनलाइन कार्यक्रम में 800 से अधिक विद्यार्थियों, एनएसएस स्वयं सेवकों, शोधकर्ताओं, प्राध्यापकों एवं प्राचार्य शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के तरफ से स्वारूपानंद कॉलेज हुड़को, भिलाई की प्राचार्य, डॉ हंसा शुक्ला तथा संस्कार सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्राचार्य, डॉ गुरप्रीत कौर ने फीडबैक दिया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने किया।