नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। ऐसे में जुलाई से स्कूल- कॉलेजों को खोलने को लेकर तैयारी की जा रही है। स्कूल खोलने को लेकर एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि हमें स्कूल खोलने की दिशा में आक्रामक रूप से काम करना चाहिए। एक साल से भी अधिक समय से बंद स्कूलों के कारण उन बच्चों पर खासा प्रभाव पड़ा है जो ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं कर सकते।गुलेरिया ने कहा कि फिजिकल स्कूल अधिक उपयोगी होते हैं क्योंकि वहां सर्वांगीण विकास होता है। स्कूल में छात्रों और अन्य गतिविधियों को लेकर बातचीत होती है जो बच्चों के चरित्र के विकास के मामले में बहुत मदद करती है। हमें उन रणनीतियों पर प्रयास करना चाहिए और काम करना चाहिए जिनसे स्कूल खुल सकें। इसके साथ ही डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर तक बच्चों को टीका लगाया जा सकता है।
उधर, सरकार ने कहा है कि अप्रैल महीने से बंद स्कूल एक बार फिर से खुलेंगे, जब आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को टीका लगाया जाएगा। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि स्कूलों को शिक्षकों और बच्चों को एक साथ बैठने की आवश्यकता होती है। यह वायरस को फैलने का मौका देता है। हम स्कूल-कॉलेज तभी फिर खोल सकते हैं, जब आबादी का एक बड़ा हिस्सा सुरक्षित हो।