दुर्ग। शोध प्राविधि का ज्ञान प्रत्येक शोधार्थी को होना चाहिये। यह शोध कार्य का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। ये उद्गार बस्तर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस. के. सिंह ने व्यक्त किये। डॉ सिंह ने शोधार्थियों से कहा कि शोध कार्य के दौरान धैर्य, ईमानदारी, समर्पण, निष्ठा तथा ईमानदारी ही सफलता के मूल मंत्र हैं।डॉ सिंह शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग द्वारा आयोजित सात दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। 300 से अधिक प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं, प्राचार्यो को संबांधित करते हुए डॉ सिंह ने कहा कि साइंस कॉलेज के राजनीतिशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का सीधा लाभ प्रतिभागी शोधार्थियों को होगा।
इससे पूर्व कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ शकील हुसैन ने सात दिवसीय कार्यशाला के कार्यवृत्त का वाचन किया। डॉ शकील हुसैन ने बताया कि सातों दिन कार्यशाला में लगभग 400 प्रतिभागी ऑनलाईन उपस्थित रहे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर. एन. सिंह की अस्वस्थता के कारण उनके शुभकामना संदेश का वाचन किया गया। कार्यशाला के अंतिम दिन आज रिसोर्सपर्सन के रूप में हेमचंद यादच विश्वविद्यालय दुर्ग के अधिष्ठाता छात्रकल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने रिसर्च प्रस्ताव तैयार करने के तरीके तथा शोधार्थियों हेतु उपलब्ध विभिन्न राष्टीय एवं अंतर्राष्टीय स्तर की स्कॉलरशिप एवं फेलोशिप की जानकारी दी। डॉ श्रीवास्तवने रिसर्च प्रस्ताव में बजट को प्रमुख बिंदु बताया। डॉ श्रीवास्तव के व्याख्यान को समस्त प्रतिभागियों ने सराहनीय बताया।
अपने संबोधन में राजनीतिशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शकील हुसैन ने बताया कि इस सात दिवसीय कार्यशाला में देश के प्रान्तों के प्रतिभागी शामिल हुए। रिसोर्स पर्सन के रूप में इन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड के डॉ एससी पुरोहित, हिमाचल वि.वि. धर्मशाला के डॉ नूदूरी राजगोपाल, पूर्वाचल विवि जौनपुर के प्रोफेसर मानस पाण्डेय, मुंबई विश्वविद्यालय की डॉ संगीता पवार, शास डीवी गर्ल्स कालेज रायपुर की डॉ उषा किरण अग्रवाल, पंजाबी विवि पाटियाला के डॉ मंजीत सिंह हेमचंद यादव वि.वि. दुर्ग के डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को सारगर्भित जानकारी दी।
डॉ शकील हुसैन के अनुसार आईक्यूएसी सेल तथा राजनीतिशास्त्र विभाग, साइंस कालेज दुर्ग द्वारा संयुक्त् रूप से आयोजित इस सात दिवसीय कार्यशाला में संयोजक डॉ राजेन्द्र चौबे, डॉ एके उखान, डॉ कमर तलत, डॉ अभिनेष सुराना, डॉ जगजीत कौर सलूजा, डॉ. ज्योति धारकर, डॉ. के. पदमावती, डॉ सुचित्रा शर्मा, डॉ. सपना शर्मा, डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी, आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।
समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन शकील हुसैन ने तथा रिसोर्स पर्सन की तरफ से रोचक फीडबैक शास. डीबी गर्ल्स कालेज, रायपुर की डॉ उषा किरण अग्रवाल ने दिया।