दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने कहा कि स्वतंत्रता हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की अमूल्य धरोहर हैं। हम सब का यह दायित्व है कि इसे संजो कर रखें। वे विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी विभिन्न तिथियों का विस्तार से उल्लेख किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कार्यपरिषद् के सदस्य, डॉ शरद पाटणकर ने अपने संबोधन में कहा कि हमें स्वतंत्रता को स्वच्छंदता में नहीं बदलना चाहिए। हमारी इसी गलती के कारण समाज में अनेक प्रकार की विसंगतियां उत्पन्न हो रही हैं। डॉ पाटणकर ने इस अवसर पर देश भक्ति से जुड़ा एक गीत भी गाया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित अमृतमहोत्सव के अंतर्गत नियमित विद्यार्थियों हेतु वीडियो बनाओ प्रतियोगिता आयोजित की गई थीं इसमें प्राप्त 130 प्रविष्टियों में से श्रेष्ठ चार प्रतिभागियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में कुलपति के हाथों पुरस्कृत किया जा रहा हैं। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सांई कॉलेज, सेक्टर-6 के भावेश देशमुख, सांदीपनी अकादमी, अछोटी के महेन्द्र मारकण्डे, सेठ आर.सी.एस. लॉ कॉलेज, दुर्ग की श्रुति बेपारी तथा भिलाई मैत्री कॉलेज की एम.एड. की छात्रा शमसीरा शामिल थीं।
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में महिलाओं की भूमिका पर आमंत्रित व्याख्यान देने वाली श्री शंकराचार्य महाविद्यालय, जुनवानी भिलाई की प्राचार्या डॉ रक्षा सिंह को भी कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलपति, डॉ पल्टा ने विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों को वर्दी भेंटकर सम्मानित किया। विजेता प्रतिभागियों ने भावेश देशमुख ने अपनी स्वरचित देशभक्ति की कविता सुनाकर सबका मन जीत लिया।
ध्वाजारोहण एवं राष्ट्रगाण के साथ आरंभ हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिला प्रशासन के निर्देशानुसार शहीदों के प्रति श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौनधारण भी किया गया। कुलपति डॉ पल्टा तथा कुलसचिव, डॉ सी.एल. देवांगन ने श्रीफल एवं साल भेंटकर विशिष्ट अतिथि, ड़ॉ. शरद पाटणकर का सम्मान किया। समारोह के अंत में अपने संबोधन में कुलसचिव, डॉ. सी.एल.देवांगन ने कहा कि हमें अपने दायित्वों का उचित तरह से निर्वहण करना चाहिए। यही सच्ची देशभक्ति कहलायेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।