भिलाई। एमजे कालेज में नवप्रवेषित विद्यार्थियों का सात दिवसीय अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) आज प्रारंभ हुआ। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे महाविद्यालय के साधनों, संसाधनों एवं अपने प्राध्यापकों का पूरा-पूरा सदुपयोग करें, तभी उनका महाविद्यालयीन जीवन सार्थक होगा। इस महाविद्यालय से निकलकर जब आप कर्मक्षेत्र में प्रवेश करें तो ऐसी छाप छोड़ें कि आपके साथ साथ महाविद्यालय का भी सिर ऊंचा हो सके।आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि छात्र जीवन का यह संक्रमण काल है। स्कूल से निकलकर आप महाविद्यालय में आ गए हैं। यहां न तो कोई गणवेश है और न ही नोट्स लिखवाकर उसे जांचने वाले। वहां आपको सबक सिखाया जाता था यहां आपको सबक स्वयं सीखना है। इसके लिए महाविद्यालय में उपलब्ध अनुभवी प्राध्यापकों, समृद्ध ग्रंथागार, महाविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न क्लबों, एनएसएस एवं अन्य गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लें। यह आपके व्यक्तित्व में निखार लाएगा।
फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर वर्मा ने कहा कि यहां टीचर्स आपके मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं। आप आगे बढ़िए, टीचर्स आपका सहयोग करेंगे। विद्यार्जन की पहल और प्रयास दोनों विद्यार्थियों को करना होगा आपको सारी सहूलियतें देने की जिम्मेदारी आपके महाविद्यालय एवं आपके प्राध्यापकों की है।
अंत में वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों को अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर बाहर निकलने के लिए उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व को निखारने में भाषा की अहम भूमिका है। इसलिए किसी एक भाषा पर अच्छी दखल लाने का प्रयास करें। महाविद्यालय ग्रंथागार का भरपूर प्रयोग करें। साथ ही मंच पर खड़े होकर बेझिझक अपनी बात कहने के लिए तैयार रहें। महाविद्यालय आपको इसके अनेक अवसर देगा जिसका सदुपयोग कर आप अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संकाय की प्रभारी किरण तिवारी ने किया।