दुर्ग। भोजन के मामले में सबकी जरूरत अलग अलग होती है। जो वस्तु किसी एक को फायदा पहुंचाएगी, वही किसी दूसरे के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। इसलिए अपने लिए मुफीद भोजन का चयन सावधानी पूर्वक करें। उक्त बातें हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आयोजित वेबीनार में कही।उक्त राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के संदर्भ में किया गया था। इस ऑनलाईन वेबीनार में विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापक, शोधार्थी तथा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
प्रसिद्ध न्यूट्रशनिस्ट डॉ पल्टा ने मुख्य वक्ता की आसंदी से मानव शरीर हेतु लाभप्रद एवं हानिकारक खाद्य पदार्थों की रोचक जानकारी दीं। उन्होंने बताया कि कोई भी थाली सभी के लिए लाभप्रद नहीं हो सकती क्योंकि यह किसी व्यक्ति के पसंद, उसके शारीरिक आवश्यकता, पारिवारिक प्रचलन तथा स्वाद पर निर्भर करता हैं। हमें हमारी थाली में 50 प्रतिशत् के लगभग फलों का समावेश अवश्य करना चाहिए। डॉ. पल्टा ने जंकफूड, कोल्ड ड्रिंक तथा बेकरी के खाद्य पदार्थों का उपयोग कम से कम करने तथा रेशे युक्त भोजन पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह दीं। खाद्य तेलों के ब्राण्ड पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें खाद्य तेलों का ब्राण्ड बदलते रहना चाहिए।
आरंभ में अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय पोषण माह के महत्व एवं उसके उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आयोजन के मुख्य अतिथि, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकि विश्वविद्यालय भिलाई के कुलपति, डॉ. एम.के वर्मा ने वर्तमान समय में भोजन की महत्ता एवं उसके सेवन से मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का चित्रण किया। डॉ. वर्मा ने कहा कि किसी मनुष्य की बौद्धिक, समाजिक, अनुवांशिक तथा अध्यातमिक आवश्यकताएं होती है। यदि हम उर्जायुक्त भोजन करेंगे तो हमारे स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का संचार होगा।
वेबीनार के दौरान भिलाई महिला महाविद्यालय की दो छात्राओं आर. सुमन तथा मंजुषा पुरी गोश्वामी, शा.वा.वा. पाटणकर, कन्या महाविद्यालय की छात्राएं अंकिता पशीने तथा प्रिया चन्देल, ने भी आहार एवं पोषण पर अपने विचार व्यक्त किये। भिलाई महाविद्यालय की प्राचार्या, डॉ. संध्या मदन मोहन तथा प्राध्यापक, डॉ. रूपम अजीत यादव के सहयोग से आयोजित ऑनलाईन क्विज स्पर्धा में 21 विद्यार्थियों ने संपूर्ण अंक प्राप्त किये। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक, डॉ. आर. पी. अग्रवाल ने किया।