भिलाई। पशुओं का हमारे जीवन में कितना महत्व है यह तो हम सभी जानते हैं। मानव समाज की यात्रा का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव पर्यावरण के साथ ही पशु पक्षियों पर भी पड़ा है। बच्चों में अपने आसपास रहने वाले पशुओं के प्रति संवेदना जगाने के लिए महाविद्यालय द्वारा 4 अक्तूबर को पशु प्रेम दिवस मनाया गया। बच्चों ने इस अवसर पर शीतल डेयरी का भ्रमण किया और पालतू मवेशियों के बारे में जानकारी जुटाई।बीएससी प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की छात्र-छात्राओं ने जुनवानी स्थित शीतल डेयरी एवं गौशाला का भ्रमण किया। यहां 16 भैंसों के साथ ही 9 गायें तथा पड़वा, बछड़ा आदि का निवास है। बच्चों ने इन मवेशियों के जीवन चक्र, उनके भोजन, उन्हें होने वाली बीमारियों तथा उनकी रोकथाम एवं इलाज के बारे में जानकारी एकत्र की। साथ ही यह भी पता किया कि इन नस्लों से कितना दूध प्राप्त किया जा सकता है। इस डेयरी में सभी मवेशी देसी नस्ल के हैं।
इस दल में शामिल विद्यार्थी अनिकेत, अक्षय, सिमरन, लोकेश, बेनिका, भानु, प्रिया, साक्षी, मानसी, कुमकुम कुनाल, रक्षा तथा दीक्षा ने बताया कि यह भ्रमण उनके लिए काफी उपयोगी रहा तथा वे इन मवेशियों के बारे में और भी अधिक जानने को उत्सुक हैं।
प्राचार्य एवं निदेशक डॉ रक्षा सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय पशु दिवस का आयोजन मवेशियों के प्रति जागरूकता एवं संवेदना जगाने के लिए किया जाता है। इससे नई पीढ़ी के मन में इन जीवों के प्रति कृतज्ञता, संरक्षण तथा प्रेम के भाव जागते हैं। अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि यह दिवस हमें पालतू पशुओं के प्रति हिंसा नहीं करने के लिए प्रेरित करता है। आम तौर पर हम पालतू पशुओं का लाभ तो लेते हैं पर इनके प्रति संवेदना हममे कम ही होती है। मनुष्य के हाथों ये मवेशी प्रताड़ना का शिकार होते हैं। जीव विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ सोनिया बजाज ने बताया कि नई पीढ़ी में आवारा पशुओं के प्रति संवेदना जगाने के लिए महाविद्यालय परिसर में आवारा श्वानों को भोजन कराया जाता है।