दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नृत्य विभाग द्वारा ‘नृत्यांजली’ (ऑनलाईन वैल्यू एडेड कोर्स) आरंभ हुआ। 30 घण्टे के इस कोर्स को पन्द्रह दिन में पूर्ण किया जायेगा। उद्घाटन दिवस मुख्य अतिथि प्रसिद्ध नाट्याचार्य डॉ. जी. रतीश बाबू (डायरेक्टर ऑल इण्डिया डान्सर्स ऐसोसियेशन एवं नृत्यति कलाक्षेत्रम्) ने कहा कि यह पाक्षिक कोर्स उन छात्राओं के लिए वरदान है जिन्हें सीखने का मौका नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि ‘‘नृत्य केवल कला नहीं बल्कि सब कुछ है’’ यह योग, खेल, शारीरिक अभ्यास, मोडिटेशन सबका अदभुत संगम है। भरतनाट्यम पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह भ से भाव, र से राग और त से ताल का संयोजन है।
प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने अपना आशीर्वचन देते हुए कहा कि इस कोर्स में छात्राओं का कौशल उन्नयन होगा। अभी यह ऑनलाईन किया जा रहा है किन्तु भविष्य में वर्ष में दो-तीन बार इसे ऑनलाईन या ब्लेंडेड मोड पर करने का प्रयास रहेगा।
विभागाध्यक्ष डॉ. ऋचा ठाकुर ने बताया कि नृत्यांजलि के लिये छात्राओं में बड़ा उत्साह है। चूंकि ऑनलाईन की अपनी सीमायें है। अतः ऑफलाईन कक्षाओं में अधिक से अधिक छात्राओं को सिखाया जायेगा। प्रथम दिन छात्राओं ने नृत्य की विशेषताएँ नमस्क्रिया, भूमिप्रणाम, शिवस्तुति को जाना।