भिलाई। श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में वनस्पतिशास्त्र विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया गया तथा इस दिन के उपलक्ष्य में सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष वर्षा यादव ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को पेड़ों के महत्व के विषय में जनजागरूकता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व वानिकी दिवस या अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है। जंगलों को बचाए रखने के लिए वर्ष 1971 में यूरोपीय कृषि संगठन की 23वी आम बैठक में इसे मनाने का फैसला लिया गया था। जंगल वस्तुतः एक ऐसा जीवित समुदाय होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के जीव जंतु, पेड़ पौधे, कीट पतंगे एक दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं। हमने अपने लाभ के लिए पेड़ काट दिए, लेकिन जंगल कुदरत द्वारा दिए गए व्यवहार हैं जो हमें जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन देते हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी तमाम समस्याओं से बचने के लिए हमें पेड़ लगाने चाहिए।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन वनों के बाहर सभी प्रकार के वनों और पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने, वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के साथ-साथ समुदायों के बीच मूल्यों के महत्व और पृथ्वी पर जीवन चक्र को संतुलित करने के लिए वनों के योगदान के बारे में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हैं महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ जे. दुर्गा प्रसाद राव एवं उपप्राचार्य डॉ. अर्चना झा एवं प्राध्यापक, विद्यार्थियों द्वारा औषधीय महत्त्व वाले पौधे का पौधारोपण महाविद्यालय परिसर में किया गया और आगे भविष्य में भी सभी ने पौधारोपण तथा पौधों की सुरक्षा का प्रण लिया ताकि पर्यावरण और पृथ्वी को बचाया जा सके, प्रदूषण को कम किया जा सके।
डॉ. जे.दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि पौधरोपण में औषधीय पौधों को प्राथमिकता देनी चाहिए। जैसे नीम, आंवला, जामुन, तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा,एलोवेरा आदि पौधों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लगाना चाहिए तथा उपप्राचार्य डॉ.अर्चना झा ने कहा कि ये पौधे स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम होते हुए भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं तथा आगे भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।