भिलाई। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में पृथ्वी दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विभागों के प्राध्यापक तथा विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों ने भाग लिया। संयोजक डॉ रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र ने कहा कि पृथ्वी अपनी आवश्यकता को पूरा करने में समर्थ है। अतः हमारा भी दायित्व है इनका संरक्षण व संवर्धन करे जिससे आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण मिल सकें।
इस परिचर्चा का प्रारंभ करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने धरती माता का आभार जताया तथा कहा कि हमारी पृथ्वी जिसे भारत में मां का रूप माना गया है इसकी रक्षा तथा संरक्षण हर पीढ़ी का दायित्व है। महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है इसे मनाने का मकसद यही है कि लोग पृथ्वी के महत्व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक हो।
महाविद्यालय की उप प्राचार्य डॉ अजरा हुसैन ने पृथ्वी दिवस पर धरती माता को हरा भरा व स्वच्छ रखने का संकल्प लेने हेतु प्रेरित किया।
महाविद्यालय की मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष खुशबू पाठक ने कहा कि पृथ्वी को संरक्षित रखने हेतु यदि कोई बिजनेस स्टार्ट कर रहे हैं तो उसका मुख्य उद्देश्य यही होना चाहिए कि उस बिजनेस से कोई भी अपशिष्ट ना निकले जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए उन्होंने गोवा के किसी व्यक्ति का उदाहरण देकर बताया कि जूस का बिजनेस स्टार्ट कर उस व्यक्ति ने जूस पीने के लिए डिस्पोजल के स्थान पर फल के बाहरी आवरण का उपयोग किया।
महाविद्यालय की जंतु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष सुनीता शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए तथा घरों में निकलने वाले अपशिष्ट जैसे फल व सब्जियों के छिलकों से जैविक खाद बनाने का सुझाव प्रस्तुत किया। सहायक प्राध्यापक डॉ सुपर्णा श्रीवास्तव ने पृथ्वी दिवस पर कविता प्रस्तुत करते हुए कहा कि पृथ्वी मेरी माता पिता आसमान मुझको तो अपना सा लागे सारा जहान इसका तात्पर्य है कि जैसे हम अपनी माता को सारे जहां से ज्यादा प्रेम करते हैं पृथ्वी को अपनी माता का दर्जा देकर प्रेम करना चाहिए तभी उसका संरक्षण संभव है।
महाविद्यालय की कंप्यूटर साइंस विभाग के सहायक प्राध्यापक दीपक सिंह ने सुझाव दिया कि किस प्रकार धरती मां हमें जलवायु तथा अन्य चीजें प्रदान करती है तो हमें भी बदले में धरती मां को स्वच्छ और सुंदर बना कर रखना चाहिए। महाविद्यालय की मैनेजमेंट विभाग की सहायक प्राध्यापक कुमारी दीपाली किंगरानी ने सुझाव देते हुए कहा कि पृथ्वी के संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार को विशेष कदम उठाने चाहिए।
महाविद्यालय की छात्रा साक्षी बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग का सुझाव दिया तथा यह बताया कि महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा प्लास्टिक की बोतलों को रीसायकल कर सजावट सामग्री बनवाई गई जो कि बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट के अंतर्गत उपयोग की जा सकती है।