राजनांदगांव. कॉन्फ्लुएंस कॉलेज में वेस्ट से बेस्ट बनाना सिखाने के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें, विद्यार्थियों को दिया सजाओ, पाॅट, हैंगिंग, जैसे विभिन्न् प्रकार की कलाकृतियों का निर्माण बेकार पड़ी वस्तुओं से करना सिखाया गया. प्रशिक्षक के रूप में विनीता गुप्ता सुपर स्पेशलिस्ट (रिलायंस इंडस्ट्री मुंबई) शामिल हुई.
विद्यार्थियों को शैक्षिक निधि के अलावा और संगठन का कार्य सिखाया गया जिसमें श्रीमती गुप्ता द्वारा वेस्ट मटेरियल जिसका उपयोग नहीं होने पर फेंक दिया जाता हैं और मिट्टी के दिए, मटका, रद्दी पेपर कपड़ा जैसे विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के उपयोग से सजावट समान निर्माण करना सिखाया गया.
प्राचार्य डां. रचना पांडेय ने बताया कि इस प्रकार के वर्कशॉप से विद्यार्थियों में वेस्ट चीजों के माध्यम से किस प्रकार घर सजाने हेतु या उसकी उपयोगिता से अपने जीवन यापन रोजगार के लिए प्रयास किया जा सकता हैं क्योकि जीवन मे सिर्फ पुस्तक ज्ञान नहीं बल्कि किस प्रकार आसपास मौजूद खराब चीजों से उपयोगी सामग्री बनाना भी एक कला है. प्रशिक्षण कर्ता श्रीमति गुप्ता ने पुराने अखबार, कांच के जार, प्लास्टिक बोतल और गत्ते के डिब्बे, मटकी, दिए को सजाकर सेंड करें या कलर पेपर से सजा ले इसी तरह से हम सजावट की सामग्री एवं जरूरी उपयोगी सामग्री बना सकते हैं.
कार्यशाला बच्चों की प्रतिभा निखारने के अवसर पर महाविद्यालय के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ,संजय अग्रवाल डॉ मनीष जैन ने संयुक्त रूप से कहा कि जब खराब वेस्ट चीजों से सुंदर व उपयोगी चीजें बना हुआ देखें तो मन अत्यधिक खुश हो जाता है विद्यार्थी जब अपने हाथों से यह सब बनाएंगे तो वह आत्मनिर्भर की ओर एक कदम बढ़ाएंगे कार्यशाला में बी.एड. विभाग के प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय सेमेस्टर के सैकड़ों विद्यार्थियों ने कलाकृति सीखा . कार्यशाला की शुरुवात करते हुए प्रो . विजय मानिकपूरी (एन्. एस. एस.) आधिकारी ने कहा की भविष्य में हम प्रशिक्षण एक पखवाड़ा के रूप में अलग-अलग समय में संचालित करेंगे जिससे विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा सीख पाएंगे और अपनी प्रतिभा को निखार पाएंगे. कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती प्रीति इंदौर कर बेस्ट प्रैक्टिस सेल एवं श्रीमती मंजुलता साहू (आई. क्यू. ए. सी.) मुख्य प्रशिक्षक का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य मे ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के लिए आमंत्रित करते हुये धन्यवाद प्रेषित किया गया.