दुर्ग. शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में हिंदी साहित्य परिषद का गठन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में अंचल के प्रसिद्ध कवि शरद कोकास उपस्थिति थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन.सिंह के की. हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अभिनेष सुराना ने अतिथियों का स्वागत करते हुए हिंदी साहित्य परिषद के मनोनीत पदाधिकारियों एवं सदस्यों के नाम की घोषणा की.
मनोनीत पदाधिकारियों में अध्यक्ष मोनिका साहू, उपाध्यक्ष रंजना साहू, सचिव गरिमा कहार, सहसचिव ओमप्रकाश के साथ कार्यकारिणी सदस्य के रूप में अक्षय चैरसिया, पद्मनी कौशिक, प्रीति देवांगन, पूनम, त्रिलोचन साहू, मोहम्मद सारिक अहमद, कौशल, भूषण रावटे, दीपिका साहू, मीणा,, खिलेश्वरी, दौलत निर्मलकर, सोनल ताम्रकार के नामों की घोषणा की गई.
मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए कवि शरद कोकास ने कहा कि कम्प्युटर और मोबाइल मे हिन्दी के प्रयोग का इतिहास बताते हुए कहा कि मोबाइल पर अब नए तरह के ऐप्स और की बोर्ड आ गए हैं जिनसे अब हिन्दी लिखना न केवल आसान हो गया है बल्कि हिन्दी मे पॉड़कास्टिंग, ब्लोगिंग आदि का उपयोग करते हुए विभिन्न ऐप्स के माध्यम से धन भी कमाया जा सकता है . उन्होने कहा कि सोशल मीडिया अब केवल चैट करने के लिए नहीं उपयोग मे लाया जाता बल्कि इसके माध्यम से संगठन के भी काम होते हैं लेकिन गलत फेक और सही खबरों मे हमे अंतर करना जरूरी है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.आर.एन. सिंह ने कहा कि हिंदी आज महत्वपूर्ण भाषा है विद्यार्थी इसे भाषा के रूप में ही जानते हैं जबकि हिंदी आज यह रोजगार की भी भाषा है. इस तथ्य से विद्यार्थियों को अवगत होना होगा कि हिंदी आज रोजगार की प्रमुख भाषा है.
उक्त संपन्न कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. जयप्रकाश, प्रो. थान सिंह वर्मा, डॉ. अन्नपूर्णा महतो, डॉ. रजनीश उमरे, डॉ.सरिता मिश्र, डाॅ. ओमकुमारी देवांगन के साथ बड़ी संख्या में महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर बलजीत कौर ने आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. कृष्णा चटर्जी द्वारा किया गया.