भिलाई। आतिशबाजियों का दीपावली के साथ गहरा संबंध है. ये आपके जीवन को ऊर्जा से भरने के साथ ही कई प्रकार के संदेश भी देती है. स्याह आकाश में ऊपर जाते राकेट जहां मनोबल को ऊंचा बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं वहीं फूटने वाले पटाखे आवको सावधान करते हैं कि दुख या क्षोभ को भीतर ही भीतर पालने से वह विस्फोटक रूप धारण कर सकती है. फूलझड़ी जीवन के उमंगों का प्रतीक है जो खुशियों को बांटने से मिलती है. इसी तरह चकरी, अनार दाने, आदि भी अलग अलग संदेश देते हैं.
उक्त बातें एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने उक्त बातें दीपावली पूर्व उत्सव को संबोधित करते हुए कहीं. इस उत्सव का आयोजन एमजे कालेज, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग और एमजे कालेज फार्मेसी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में समवेत रूप से किया गया था. उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय समाज में पर्व एवं त्यौहारों के महत्व को रेखांकित करते हुए सभी स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों को दीपावली और धनतेरस की शुभकामनाएं भी दीं.
दीपावली के स्वागत में एमजे कालेज के सभी विभागों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. विद्यार्थियों ने हस्तनिर्मित वस्तुओं से अपने अपने विभाग को खूब सजाया है. इसमें रंगोली और दीयों के साथ ही बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट कंसेप्ट के तहत बेकार पड़ी वस्तुओं से साज सज्जा की गई है. समाज सेवी एवं थिएटर आर्टिस्ट पुरुषोत्तम टावरी के मुख्य आतिथ्य में, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी एवं नर्सिंग महाविद्यालय के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने इस साजसज्जा का मूल्यांकन किया.
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री टावरी ने कहा कि बच्चों ने हस्तकला का बेहतरीन नमूना प्रस्तुत किया है. यदि वे इस कला को पेशेवर रूप से अपनाना चाहें तो वे उनकी मदद कर सकते हैं. उन्होंने कंदील की विशेष रूप से तारीफ करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थी ऐसे 10 हजार कंदील बनाने की जिम्मेदारी लें तो उसके विक्रय की व्यवस्था वे कर देंगे.
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया. उन्होंने छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों के लोक नृत्यों का खूबसूरत फ्यूजन प्रस्तुत किया. सभी विभागों के कृति विद्यार्थियों को अतिथि पुरुषोत्तम टावरी ने पुरस्कृत किया. इन पुरस्कारों को उन्होंने ही प्रायोजित भी किया था.