दुर्ग. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में स्वर्गीय हेमचंद यादव की जंयती पर श्रद्धांजली सभा एवं संस्मरण समारोह का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय के टैगोर हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से स्वर्गीय हेमचंद यादव के सुपुत्र जीत यादव भी उपस्थित थे. इस अवसर पर कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने स्व. हेमचंद यादव को अजातशत्रु के रूप में याद किया.
अपने स्वर्गीय पिता का स्मरण करते हुए जीत यादव ने उनके सादगी पूर्ण जीवन, सदैव दूसरों के दुख बांटने की लालसा तथा सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमों में रूचि की विस्तार से चर्चा की.
स्वर्गीय हेमचंद यादव के तैल चित्र पर पुष्पांजली अर्पित करते हुए कुलपति डाॅ. अरूणा पल्टा ने स्वर्गीय हेमचंद यादव को अजात शत्रु करार देते हुए छत्तीसगढ़ के विकास मंे उनके योगदान का उल्लेख किया. डाॅ. पल्टा ने उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि हेमचंद जी की सादगी एवं ईमानदारी का अपने जीवन में अनुसरण करें.
कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने अपने संबोधन में स्वर्गीय हेमचंद जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया.
अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्वर्गीय श्री हेमचंद यादव जी के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यकाल के विभिन्न संस्मरण प्रस्तुत किये. एनएसएस समन्वयक एवं कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य, डाॅ. आर. पी. अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जिंदगी में सरल बने रहना ही सबसे कठिन कार्य हैं. डाॅ. अग्रवाल ने हेमचंद जी के व्यक्तित्व की सरलता से जुड़े कुछ संस्मरण भी सुनायें. कल्याण महाविद्यालय, भिलाई के शिक्षा संकाय के प्राध्यापक, डाॅ. रामा यादव ने भी हेमचंद यादव के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण किये जाने को शासन द्वारा ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा का सम्मान बताया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें. अंत में सहायक कुलसचिव, डाॅ. सुमीत अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया.