राजनांदगांव. कॉन्फ्लुएंस कॉलेज राजनांदगांव में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम)भारत सरकार की कल्याणकारी योजना के अंतर्गत अतिथि व्याख्यान एवं उद्यमिता प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. एमएसएमई (सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम) क्षेत्र भारत की विरासत आर्थिक मॉडल, उत्पादों और सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला का एक हिस्सा है. मुख्य वक्ता (प्रशिक्षक) प्रेम आनंद राव उपस्थित हुए.
उद्यमिता प्रशिक्षण के दौरान प्रो.विजय मानिकपुरी ने संचालन करते हुए श्री राव का परिचय में कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इस क्षेत्र में राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा रहा है इसके द्वारा कुशल, नए स्नातकों के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं.
प्राचार्य डॉ.रचना पांडे कॉन्फ्लुएंस कॉलेज ने अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि देश भर में 12 करोड़ से अधिक भारतीयों को रोजगार प्रदान करने में एमएसएमई की भूमिका है जिससे कम निवेश आवश्यकताओं संचालन में लचीलापन और उपयुक्त देसी तकनीक विकसित करने की क्षमता के कारण भारत को नई ऊंचाइयां मिल रही है.
प्रेम आनंद राव द्वारा उद्यमिता के विकास में रोजगार-स्वरोजगार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपनी क्षमता को पहचानना होगा. अपनी क्षमता को हम स्वयं महसूस कर सकते हैं. उद्यम हेतु क्षमता की आवश्यकता होती है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है जिसमें सरकार द्वारा छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने आर्थिक रूप से मदद करने हेतु इस मंत्रालय की स्थापना की गई है. श्री राव ने कहा कि सफलता के पांच सूत्र हो सकते हैं 1.सोचो (लक्ष्य के बारे में), 2. तय कर लो (जो हमें करना है), 3. फोकस करो (बार-बार जो किया जाना है उसे), 4.बढ़ चलो (जो निर्धारित किए हैं) 5.हासिल कर लो. सभी चरण पूर्ण होने पर ही हम सफल उद्यमी हो सकेंगे.
उन्होंने कहा कि सफलता उद्यमी के कदम होते हैं जो सुबह जल्दी और शाम छांव में सफर करते हैं. एमएसएमई द्वारा बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन किया जाता है. यह समावेशी विकास को प्रोत्साहित करता है. उन्होंने सस्ता श्रम और न्यूनतम ओवरहेड, उद्यमों के लिए सरल प्रबंधन संरचना जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने व्याख्यान में बताया.
महाविद्यालय के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल, संजय अग्रवाल एवं डॉ. मनीष जैन ने कहा कि इस प्रकार के उद्यमी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन से स्वरोजगार के प्रति विद्यार्थियों में जिज्ञासा पड़ेगी, इसलिए इस प्रकार का प्रशिक्षण ट्रेनिंग कार्यक्रम महाविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है जिसे विद्यार्थी अपने लक्ष्य रोजगार के प्रति निर्धारित कर सकेंगे.
व्याख्यान कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षा विभाग, स्नातक विभाग के प्राध्यापकगण, नर्सिंग विभाग, स्नातक विभाग तथा शिक्षा विभाग के विद्यार्थी सम्मिलित हुए.